रामनाथ पुत्र रामपाल निवासी सिसचेरे थाना आसीवन ने अपने पत्र में बताया है कि बीते 12 सितंबर को अरोड़ा रिसोर्ट के पास दुर्घटना में उनका पैर टूट गया था। एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें उमाशंकर दीक्षित संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। 13 सितंबर को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कर दिया गया। उनका उपचार डॉक्टर तुषार चौरसिया कर रहे है। जिनके द्वारा 25 हजार रुपए आपरेशन के लिए मांगे गए। बाद में 14 हजार रुपए पर ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए।
रामनाथ ने बताया कि डॉक्टर तुषार चौरसिया को नगद ₹14 हजार दिए भी गए। लेकिन बाद में डॉक्टर ने 10 हजार रुपए की और मांग की। न देने पर कहीं और जाकर उपचार कराने को कहा। काफी गिड़गिड़ाने पर डॉक्टर ने अभद्रता करने लगे। दिए गए पैसे वापस मांगने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए 3 हजार अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। बाकी पैसों के विषय में बोला कि इलाज में खर्च हो गया। जिसका स्क्रीनशॉट भी उनके पास है। उन्होंने भ्रष्ट डॉ तुषार चौरसिया के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने लिया ज्ञापन
धरना प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट ने बातचीत की। विमल द्विवेदी ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट ने कमेटी का गठन करके जांच का आश्वासन दिया है। डीएम के आदेश पर आगे की कार्रवाई होगी।
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हिंदू जागरण मंच मरीज के साथ धरने पर बैठा
घटना की जानकारी मिलते पर हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री व प्रभारी विमल द्विवेदी अपने समर्थकों के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए। जहां उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने लगे। भ्रष्ट डॉक्टर के खिलाफ उन्होंने जमकर नारेबाजी की। विमल द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर घटनाक्रम की जानकारी दी और डॉक्टर तुषार चौरसिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि डॉक्टर के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए। जिससे रामनाथ जैसे गरीबों का उपचार पैसे के अभाव में ना रख पाए।