scriptअपहरण और हत्या: 22 साल 5 दिनों बाद आया अदालत का निर्णय, सुनाई आजीवन कारावास की सजा | Kidnapping and murder: Court decision came after 22 years and 5 days, give life imprisonment | Patrika News
उन्नाव

अपहरण और हत्या: 22 साल 5 दिनों बाद आया अदालत का निर्णय, सुनाई आजीवन कारावास की सजा

Kidnapping and murder उन्नाव में अदालत में अपहरण और हत्या के मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड भी लगाया है। मामला 2002 का है। पुलिस ने फरवरी 2003 में आरोप पत्र दाखिल किया था।

उन्नावDec 13, 2024 / 07:24 pm

Narendra Awasthi

अदालत सुनाई आजीवन कारावास की सजा
Kidnapping and murder उत्तर प्रदेश के उन्नाव में अदालत में एक अभियुक्त के ऊपर दोष सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अभियुक्त के ऊपर किशोरी की अपहरण के बाद हत्या का मुकदमा चल रहा था। गैंगस्टर कोर्ट ने यह आदेश सुनाया है। ऑपरेशन कनविक्शन के अंतर्गत अदालत में पैरवी की गई। पुलिस, अभियोजन पक्ष आदि को सुनने के बाद अदालत में यह आदेश सुनाया है। मामला उन्नाव सदर कोतवाली क्षेत्र का है।
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उत्तर प्रदेश के उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी ने उमेश दुबे पुत्र रामस्वरूप दुबे निवासी शेखपुरा शेखपुर टेनरी थाना सदर कोतवाली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। अपने तहरीर में पिता ने बताया था कि उमेश दुबे ने उनकी पुत्री का अपहरण कर और उसकी हत्या कर दी है। तहरीर के आधार पर पुलिस में आईपीसी की धारा 364, 302, 34 में मुकदमा दर्ज किया था। ‌19 दिसंबर 2002 को उमेश दुबे को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने 8 फरवरी 2003 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सजा सुनाई।

गैंगस्टर कोर्ट में हुई सुनवाई

न्यायालय एएसजे (ASJ) 05 गैंगस्टर कोर्ट में सुनवाई हुई दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने उमेश दुबे को दोषी पाया और उसके ऊपर 15 हजार का जुर्माना लगाते हुए आजीवन कारावास के सजा। ‌ ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के तहत अभियोजन और मॉनिटरिंग से एल की सक्रियता से पुलिस को या सफलता मिली है। फिर भी करने वालों में अभियोजन विभाग से हरीश अवस्थी अलंकार द्विवेदी विश्वास त्रिपाठी विवेचक तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक निरंकार सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।

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