संजय कुमार बाजपेई ने बताया कि हड़हा गांव में उसकी पैतृक भूमि है। जिस पर सीता शरण और महताब जबरन कब्जा करना चाहते हैं। विरोध करने पर भद्दी भद्दी गालियां देते हैं। कहते हैं तुम्हारे हाथ पैर तोड़कर तालाब में फेंक देंगे। सीता शरण अपने लाइसेंसी रिवाइवल से धमकी देता है। कहता है कहीं शिकायत की तो जान से मार देंगे। मेरी पुलिस से सांठ-गांठ है।
112 ने भी नहीं की कार्रवाई
मेहताब और उसके तीन अन्य अज्ञात साथियों ने उसके साथ मारपीट की। जिससे अंदरूनी चोटें आई है। तब से डर लगा रहता है। 112 पर फोन किया। लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। सीता शरण मिश्रा जो शराब और भांग के साथ अन्य अवैध मादक पदार्थ का व्यापार करता है। साथ जमीन पर भी कब्जा करना भी उसका काम है। इस कार्य में मेहताब इसका प्रमुख सहयोगी है। इन लोगों ने कई जमीनों पर जबरजस्ती कब्जा कर लिया है। जिसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।
कानपुर में मजदूरी करता है
संजय बाजपेई ने बताया कि वह अपने जीवकोपार्जन के लिए कानपुर में मजदूरी करता है। 70 वर्षीय मां गांव में रहती है। बीते 13 सितंबर को जब वह गांव पहुंचा तो उसने अपनी पैतृक भूमि पर निर्माण कार्य करने से मना किया। तब से जान माल का खतरा बना हुआ है। सीता शरण ‘बाजपेई टोला’ की जमीनों को बेच रहा है। अवैध तरीके से दूसरों को कब्जा दिला रहा है। जबकि यह जमीन उसके नाम नहीं है।
क्या कहते हैं संजय बाजपेई?
संजय बाजपेई ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल, जिलाधिकारी आदि को ऑनलाइन शिकायत की थी। इसके बाद लेखपाल भी मौके पर आ चुका है। लेकिन उसने भी कार्रवाई करने से मना कर दिया। बोला- बस्ती के अंदर की जमीन है। मदरसा की दीवारें तरीके से खड़ी कर दी गई है। जिन्हें गिरना अति आवश्यक है। डीएम से सुरक्षा और पैतृक जमीन पर हो रहे कब्जे को रोकने और भू माफियाओं के खिलाफ कानूनी दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।