उन्नाव

शिक्षा विभाग का कारनामा: 10 साल की नौकरी में 2000 दिनों की छुट्टी, एसडीएम, डीडीओ, डीपीआरओ की जांच टीम गठित

उन्नाव में शासन के निर्देश पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने जो खुलासा किया है उससे शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में है। जिले के दो विद्यालयों के निरीक्षण के लिए अब जिलाधिकारी ने तीन अधिकारियों की टीम बनाई है। जो स्थलीय निरीक्षण करेंगे।

उन्नावNov 19, 2024 / 07:35 pm

Narendra Awasthi

जिलाधिकारी गौरांग राठी (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में उच्च प्राथमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय की जमीनी हकीकत की जांच के लिए उप जिलाधिकारी न्यायिक की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है। जिसमें जिला विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को भी शामिल किया गया है। जिलाधिकारी के आदेश पर यह जांच टीम गठित की गई है। मामला उसे समय तूल पकड़ा था जब शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने विद्यालय का निरीक्षण किया और घोर अनियमिताएं पाई गई। इस संबंध में उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को बाईपास करते हुए सीधे जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। अपने बयान में उन्होंने बीएसए को अपराधी बताया था। इसी पत्र के आधार पर जिलाधिकारी ने तीन सदस्य जांच टीम गठित की है। जिसमें जिले के दो संबंधित विद्यालयों को शामिल किया गया है।
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शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी नवाबगंज विकासखंड के दरियापुर विद्यालय की जांच में पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि शिक्षिका सदमा जैदी 10 साल की नौकरी में अब तक 2000 दिन से ज्यादा की छुट्टी ले चुकी है। प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया था कि शिक्षिका विदेश यात्रा में है। जिन्होंने सर्विस पीरियड में मिलने वाली छुट्टी और मेडिकल अवकाश की अधिकतम सीमा को लांघ गई है। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम को पत्र लिखने की जानकारी दी। उन्होंने सवाल किया कि शिक्षिका को छुट्टी की स्वीकृति कौन अधिकारी दे रहा है?

दूसरा विद्यालय बिछिया विकासखंड का

बिछिया विकासखंड के टिकर गढ़ी स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय को भी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। यहां पर भी मिड डे मील, पढ़ाई को लेकर तमाम शिकायतें मिल रही थी। इस विद्यालय के संबंध में श्याम त्रिपाठी ने बताया कि विद्यालय नाम की यहां कोई चीज नहीं है। निलंबन के बाद भी विद्यालय में शिक्षिका आना जारी है। इसलिए उन्होंने निरीक्षण करना भी उचित नहीं समझा। अब जिलाधिकारी की टीम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य की निरीक्षण रिपोर्ट पर अपनी मोहर लगाएंगे।

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