बैठक में राज्य के अधिकारियों को एनपीआर और जनगणना की तकनीकी प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया। इस बार जानकारी का संकलन मोबाइल एप के जरिए होगा। केरल ने जनगणना के साथ एनपीआर का उल्लेख न करने का निर्देश जिला अधिकारियों को दिया है। हालांकि पश्चिम बंगाल को छोडक़र अन्य राज्यों ने बैठक में शामिल होने से इंकार नहीं किया। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि एनपीआर का एनआरसी ( NRC ) से कोई लेना देना नहीं है। गृह मंत्रालय ने बताया कि एनपीआर जनगणना के पहले की प्रक्रिया है और यह धारणा गलत है कि एनआरसी में इसका डेटा इस्तेमाल होगा। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह भी स्पष्ट किया है कि एनपीआर में कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। सूचनाओं का इस्तेमाल योजनाओं के निर्माण के लिहाज से किया जाएगा।
एनपीआर को राज्य में लागू करने के सवाल पर राजस्थान के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने ‘पत्रिका’ को बताया कि इसका फैसला राज्य सरकार ( RAJASTHAN GOVERNMENT ) के स्तर पर होगा। उन्होंने कहा कि जनगणना को लेकर राज्य सरकार जरूर केंद्र सरकार की ओर से बताई गई समयावली के अनुसार काम करेगी, लेकिन एनपीआर के मुद्दे पर राज्य सरकार के स्तर पर फैसला लिया जाना बाकी है।