जिला न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या का आरोप साबित करते हुए नागा साधु दिगम्बर ओम गिरी को छह साल की सजा सुनाई है। यह आदेश अपर जिला सत्र न्यायाधीश सुभाष चंद्र मौर्य ने एडीजीसी मृत्यंजय तिवारी व बचाव पक्ष के अधिवक्ता को सुनकर दिया है।
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मौत की सजा मिली छह साल निरंजनी अखाड़े के महंत नागा साधु ने घटना में वादी महंत आशीष गिरि द्वारा रिपोर्ट लिखाई गई थी कि करीब रात 10 बजे अखाड़े के साधुओं दिगम्बर ओंकार गिरि व दिगम्बर पवन पुरी के भोजन को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ा दोनों के बीच जमकर मारपीट हो गई थी। घटना में दोनों साधुओं को गंभीर चोटें आई थी लेकिन अस्पताल ले जाते समय दिसम्बर पवन पूरी की मौत हो गई थी। इसी आरोप में न्यायालय में दोष सिद्ध होने पर आरोपी नागा साधु के ऊपर छह साल की सजा सुना दी गई। यह भी पढ़ें