भारत में अवैध रूप से रह रहे थे तीन बांग्लादेशी, कोर्ट ने 5-5 साल के लिए भेजा जेल
Highlights:
-गुरुवार को तीनों बांग्लादेशियों को पांस-पांच वर्ष का कारावास और 19-19 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई
-ये तीनों अवैध रूप से देवबंद सहारनपुर में लंबे समय से रह रहे थे
-इन तीनों को एटीएस द्वारा 2017 में गिरफ्तार किया गया था
देवबंद/सहारनपुर। भारत में अवैध रूप रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को बाहर निकालने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारी संख्या में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जो बिना विजा और पासपोर्ट अवैध रूप से भार आकर रह रहे थे। इस कड़ी में गुरुवार को कोर्ट द्वारा 3 बांग्लादेशियों को पांस-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है। जो अवैध रूप से देवबंद सहारनपुर में लंबे समय से रह रहे थे। इन तीनों को एटीएस द्वारा 2017 में गिरफ्तार किया गया था।
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया ये तीनों लोग बांग्लादेश के नागरिक होते हुए बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर सहारनपुर के देवबंद के बन्हेड़ाखास स्थित तामिल कुरान मदरसे में रह रहे थे। जिन्हें निशानदेही के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा पुलिस के मुताबिक इन तीनों का संबंध बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारुल बांग्ला टीम से भी था। एटीएस द्वारा इन तीनों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 120बी भा.द.वि. व 18/19 यूए (पी) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें कोर्ट द्वारा अलग-अलग धाराओं में दोषियों को कुल 5-5 वर्ष की सजा और 19-19 हजार का अर्थदंड सुनाया है। वहीं जुर्माने की राशि अदा नहीं कराने पर तीनों को प्रत्येक धाराओं में 6-6 महीने के अतिरिक्त कारावास काटना होगा।
तीनों दोषी हैं भाई पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोषियों के नाम मो. फिरदौस पुत्र अब्दुल खालिक, इमरान पुत्र अब्दुल खालिक और फरीदुद्दीन पुत्र अब्दुल खालिक हैं। ये तीनों भाई हैं और पन्थापाडा सुट्टी घाता, थाना कोतवाली जनपद जसौर विभाग खुलना, बांग्लादेश के मूल निवासी हैं। ये तीन अवैध रूप से देवंबद के मदरसे में रह रहे थे।
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