उपस्थित प्रतिभागी ग्रामीण महिलाओं एवं युवतियों को संबोधित करते हुए प्रशिक्षण प्रभारी एवं मुख्य प्रशिक्षक डॉ. विनीता सिंह ने कहा कि हम अपने उत्पादों का मूल्य संवर्धित कर उसके पोषण और गुणवत्ता को बढ़ा कर अधिक समय तक संरक्षित कर सकते हैं। जिसका हमें अधिक कीमत बाजार में मिल जाता है और हमारी आजीविका मजबूत होती है। इस प्रशिक्षण उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को सिखाकर आय अर्जन हेतु प्रेरित करना है। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से महिलाओं को मशरूम उत्पादन एवं आंवला से बने मूल्य संवर्धित उत्पादों जैसे मुरब्बा, अचार आदि तैयार करना सिखाया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को आंवला एवं मशरूम के उपयोग के महत्व एवं विभिन्न व्यंजनों के विषय में भी जानकारी दी।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया डॉ. के.पी. तिवारी ने मशरूम एवं विभिन्न वनोपज उत्पादन, संग्रहण, मूल्य संवर्धन के साथ पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केट लिंकेज के बारे में में विस्तार से बताया। विकास संवाद के भूपेन्द्र त्रिपाठी ने इस प्रयास को पोषण एवं खाद्य सुरक्षा से जोड़ते हुए अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता नगीना सिंह ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में फूलाबाई सिंह, राधा सिंह, उत्तरा सिंह, शशि सिंह, कविता सिंह, सविता सिंह, संतोषी एवं बेबी सिंह का प्रमुख सहयोग रहा।