अभियान से जुडकऱ स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने कलेक्टर ने लोगों से की अपील
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिले में स्वच्छता पखवाडे का संचालन किया जा रहा है। स्वच्छता पखवाडे में शासन प्रशासन के साथ साथ जन मानस भी आगे आकर जन सहभागिता निभा रहा है। हमारे आस पास का वातावरण स्वच्छ रहेगा तो हम कई प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं। उक्त आशय के विचार कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने मानपुर जनपद पंचायत के ग्राम सरसवाही में आयोजित स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अपने ग्राम, नगर, जिला को स्वच्छ एवं सुंदर बनाये रखने में सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, तभी हम स्वस्थ्य भारत और विकसित भारत का निर्माण कर पाएंगे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गहन स्वच्छता अभियान चलाया जाए। उन्होंने अपील की है कि अभियान में जुडकऱ स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए श्रमदान अवश्य करें एवं स्वस्थ भारत बनाने में अपना योगदान दें। स्वच्छता हम सब की जिम्मेदारी है। ग्राम पंचायत हमें सुविधा संसाधन उपलब्ध करा सकती है लेकिन उसकी व्यवस्था को निरंतर बनाए रखने के लिए सभी का योगदान जरूरी है। अपने घर एवं आसपास साफ सफाई रखें कचरे को सही जगह में डालें व स्वच्छता की सभी बातों का पालन करें। स्वच्छता ही सेवा अभियान की थीम धार्मिक स्थल की अंतर्गत मंदिर परिसर की साफ सफाई की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचीन माता की मंदिर से पूजा अर्चना के साथ किया गया। गीत, नुक्कड नाटक एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों में स्वच्छता ही अलख जगाई गई।
हाथ धुलने के तरीके बताए
स्वच्छाग्रही द्वारा हाथ धुलाई कब और क्यों जरूरी है इसके सही तरीके बताते हुए डेमोंसट्रेशन दिया गया। इस अवसर पर जनपद पंचायत सीईओ मानपुर राजेन्द्र त्रिपाठी, स्वच्छता समन्वयक मनीषा कांड्रा, सरपंच, सचिव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के बाद स्वच्छता रैली भी निकाली गईं तथा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई।
बाजार जाते समय घर से कपड़े का थैला लेकर ही निकलें
उमरिया. स्वच्छता पखवाड़ा अंतर्गत महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में 26 सितंबर को महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने तथा उसके स्थान पर कपडेे एवं कागज के बने बैग का उपयोग करने विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
डॉ नवीन उपाध्याय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के वैश्विक परिदृश्य को मानव खाद्य श्रृंखला से जोड़ते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरे को विश्व का सबसे बड़ा खतरा बताया। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से होने वाली पर्यावरण को हानि ,समुद्री जल जीवन की हानि एवं अंत में मानव जीवन के खतरे को समझाते हुए डॉ परिणीता त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं को बाजार जाते समय कपड़े के थैले अथवा कागज के बैग घर से लेकर जाने की अपील की। डॉ वीरेंद्र विश्वकर्मा द्वारा वर्तमान में एक दिन में उपयोग की जाने वाली सिंगल यूज प्लास्टिक एवं उसके अपघटन के लिए उपयोग की जाने वाली वैज्ञानिक तकनीक को छात्र-छात्राओं को बताया। डॉ स्वराज पाल ने छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय द्वारा थैले वितरित किए गए।