बेटे को बचाने बाघ से लड़ गई मां
उमरिया जिले मानपुर थाना अंतर्गत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांव रोहनिया में रोजाना की तरह सभी लोग अपने अपने काम में लगे हुए थे। इसी दौरान गांव में रहने वाले भोला प्रसाद के घर के पीछे झाड़ियों में छिपे बैठे खूंखार बाघ ने अचानक घर के आंगन में खेल रहे 15 महीने के मासूम बच्चे राजबीर पर झपट पड़ा और बच्चे को अपने जबड़े में दबाकर जंगल की ओर ले जाने लगा। बेटे को मौत के मुंह में देख बच्चे राजबीर की मां अर्चना निहत्थी ही बाघ से भिड़ गई। एक तरफ बाघ था जो अपने शिकार को छोड़ने को तैयार नहीं था तो दूसरी तरफ बहादुर मां जो बेटे को किसी भी हालत में बाघ को ले जाने नहीं दे रही थी। वो बाघ से जूझती रही और बाघ उसके शरीर को नोंचता रहा लेकिन बाद मां की ममता के आगे मासूम की मौत बनकर आए बाघ को हार माननी पड़ी और बाघ बच्चे और मां को छोड़कर जंगल में भाग गया।
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घायल हालत में लाया गया अस्पताल
बाघ के हमले के कारण मासूम राजबीर व उसकी मां अर्चना के शरीर में कई जगह चोटें आई हैं जिन्हें घटना के बाद तुरंत ग्रामीण मानपुर स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक उपचार देने के बाद हालत गंभीर होने के कारण दोनों को उमरिया जिला अस्पताल रेफर किया गया है जहां फिलहाल दोनों का इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है। बाघ के हमले और बेटे को बचाने के लिए महिला के बाघ से भिड़ने की ये घटना इलाके में चर्चाओं का विषय बनी हुई है।
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