उमरिया

सदियों से चली आ रही परंपरा को निभा रहे आदिवासी समाज के लोग

मौन व्रत रखकर करते हैं गाय की पूजा

उमरियाNov 03, 2024 / 04:08 pm

Ayazuddin Siddiqui

मौन व्रत रखकर करते हैं गाय की पूजा

जिले में दीपावली के पर्व को लेकर के आदिवासी क्षेत्र में विभिन्न मान्यताएं हैं, जिसका पालन यहां की लोग वर्षों से कर रहे हैं। बिरसिंहपुर पाली ब्लॉक के घुनघुटी में आदिवासी समाज दीपावली पर पूजा अर्चना करने के साथ ही कुल देवता की पूजा करता है। पूजा करने के बाद रात भर देवारी नृत्य करते हैं। वहीं यादव समाज की अलग परंपरा है।
पाली ब्लॉक के ग्राम घुनघुटी निवासी मुन्ना यादव बताया कि गांव में यादव समाज के लोग दीपावली के दिन खारीखा (वह स्थान जहां गांव भर के मवेशी एकत्रित होते हैं) जाकर पूजा करते हैं। इसके बाद गांव की ओर लौट आते हैं और घर-घर जाकर की देवारी नृत्य करने के साथ ही लोकगीत गाते हैं। यह सिलसिला दीपावली से एकादशी तक चलता है। उपवास रखकर गाय की बछड़े के नीचे से निकालने की है परंपरा भी है। ग्रामीण जीवन बैगा ने बताया कि दीपावली के अगले दिन गांव के युवक उपवास रहकर मौन व्रत रखते हैं साथ गाय के बछड़े के पैरों के नीचे से निकालने की परंपरा का निर्वहन बीते कई वर्षों से किया जा रहा है। इसके बाद गाय की पूजा करते हुए उसे लक्ष्मी स्वरूप मानकर गांव, कुल तथा घर के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

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