कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक हुई
कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में कहा कि 19 नवंबर से हमारा शौचालय हमारा सम्मान अभियान प्रारंभ हो गया है, जो आगामी 10 दिसंबर तक चलेगा। अभियान अंतर्गत सौंपे गये दायित्वों का भलि भांति निर्वहन किया जाए। स्वच्छता के क्षेत्र में जिले में बेहतर परिणाम लाने विभागवार गतिविधियों का कैलेंडर जारी करते हुए कार्यक्रम की मॉनिटरिंग हर स्तर पर किए जाने के निर्देश दिए गए।
जिले में निर्मित समस्त सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में पानी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करते हुए उन्हें सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि संस्थागत व्यक्तिगत तथा सामुदायिक शौचालय के उपयोग तथा जो शौचालय जीर्ण-शीर्ण हो गये हंै उनके मरम्मत का कार्य अभियान के रूप में किया जाए। जिला समन्वयक स्वच्छता मिशन मनीषा कांड्रा ने जिले में चल रही स्वच्छता गतिविधियों की जानकारी दी तथा बताया कि शासन द्वारा 19 नवंबर से 10 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। बैठक में जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला जल एवं स्वच्छता मिशन समिति गठित, कलेक्टर होंगे अध्यक्ष
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार जिला जल एवं स्वच्छता मिशन समिति का गठन किया गया है। समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे। इसी तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उमरिया उपाध्यक्ष तथा वनमंडलाधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी, परियोजना प्रशासक आदिवासी विकास, सीएमएचओ, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन सदस्य तथा कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय सदस्य सचिव तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान तथा जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण सदस्य होंगे। समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) उमरिया सांसदों के साथ-साथ जिले के सभी विधायकों, एमएलसी को विशेष आमंत्रित के रूप में इन बैठकों में भाग लेने का अनुरोध किया जा सकता है एवं रोटेशन के आधार पर अधिकतम चार सरपंचों का प्रतिनिधित्व (कम से कम 2 महिला सरपंच होनी चाहिए) कर इन्हें उचित प्रक्रिया के बाद कलेक्टर द्वारा प्रत्येक माह में आयोजित होने वाली बैठक के पूर्व नामित कराया जाएगा।