786 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को दी जा रही प्रारंभिक शिक्षा
आंगनबाड़ी केन्द्र न सिर्फ बच्चों के पोषण और प्रारंभिक शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और परिवारों की भलाई के लिए भी अहम है। जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों की सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है, जिससे बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके। आंगनबाड़ी केन्द्र ग्रामीण माता और बच्चों के देखभाल का केंद्र बन गया है। आंगनबाड़ी के माध्यम से 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों की देखभाल करते हैं, जो भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक हैं।
स्वास्थ्य सेवा के अलावा, वे प्रारंभिक शिक्षा और समग्र बाल विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आंगनबाड़ी के माध्यम से छोटे बच्चों के पोषण, स्वास्थय और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग से ग्राम स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है। महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। जिले में सहरिया, बैगा और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास करती हैं। इन क्षेत्रों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों की डिजाइन को केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ माना है। जिले में कुल 786 आंगनबाड़ी केन्द्र है जिसमें शहरी क्षेत्र में 71 आंगनबाड़ी केंन्द्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 715 केन्द्र हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में 0 से 6 माह तक के बच्चों की कुल दर्ज संख्या 2583, 6 से 3 वर्ष तक के बच्चों की कुल दर्ज संख्या 21558 तथा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों की कुल दर्ज संख्या 29227 है । विशेष पिछड़ी जन जाति वाले ग्रामों में 153 आंगनबाड़ी केंद्र है जिसमें कुल दर्ज बच्चों की संख्या 3481 है। जिले में 103 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। विभागीय भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 119, किराए में संचालित आंगनबाड़ी भवनों की संख्याा 34 तथा न किराए न शासकीय भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 25 है। जिले में 330 आंगनबाड़ी केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन है। जिले में 310 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाउण्ड्रीवाल तथा 225 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका की सुविधा उपलब्ध है। पीएम जन मन योजना अंतर्गत ऐसे पीवीटीजी ग्राम जहां आंगनबाड़ी भवन उपलब्ध नहीं है ऐसे पीवीटीजी ग्रामों में नवीन आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन करना है। प्रत्येप आंगनबाड़ी की लागत 12 लाख रूपये निर्धारित की गई है। जिले में 23 आंगनबाड़ी केंद्र पीवीटीजी ग्रामों में संचालन एवं आंगनबाड़ी भवन का निर्माण किया जा रहा है।