अधूरे निर्माण की वजह से आए दिन हो रहे हादसे, कई लोगों की जा चुकी है जान
एनएच 43 में शहडोल से उमरिया की बीच 72 किलोमीटर सडक़ निर्माण 9 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। जबकि 2015 में मंजूर इस प्रोजेक्ट का काम 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए था। सडक़ निर्माण में लगातार हो रही लेटलतीफ के बाद 17 जुलाई को दिल्ली में केंद्रीय सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकऱी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया था कि किसी भी स्थिति में सडक़ निर्माण का काम दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाए।
दिल्ली में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य ठेका कंपनी जीवीआर को जल्द से जल्द काम पूरा करने की हिदायत दी गई थी। ठेका कंपनी ने यहां पर काम पेटी कांटे्रक्ट में तिरुपति बिल्डकान को दिया है। हैरानी की बात है कि केंद्रीय मंत्री के निर्देश की बाद भी काम में तेजी नजर नहीं आई। एमपीआरडीसी के शहडोल डीएम का कहना है कि मार्च 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
पाली से नौरोजाबाद के बीच 10 किमी सडक़ में ज्यादा दिक्कतें
पाली से नौरोजाबाद के बीच 10 किलोमीटर सडक़ जर्जर हालत में है। यहां पर वाहन चालकों को गड्ढों के बीच यात्रा करनी पड़ती है। इसका वैकल्पिक मार्ग अलग से बना है लेकिन पाली में रेलिंग का निर्माण नहीं होने के कारण हाइवे की नई सडक़ पर उपयोग नहीं हो पा रहा है। इतना भी नहीं पाली से नौरोजाबाद के बीच जोहिला नदी पुल में मजबूत रेलिंग नहीं है। वहां सुरक्षा को लेकर इंतजाम नहीं होने से हादसे की आशंका बनी रहती है।
मोर्चा फाटक के पास आए दिन हो रहे हादसे
वर्तमान में घुनघुटी के समीप मोर्चा फाटक, पाली नगर से पहले, अमहा रेलवे फाटक के पास का काम बाकी है। एनएच 43 में मोर्चा फाटक से घुनघुटी बीच जर्जर सडक़ पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। शहडोल से उमरिया के बीच हाईवे में चार स्थानों पर रेलवे फाटक में आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) का निर्माण होना है। इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से लॉचिंग स्कीम को एप्रूवल करवाना है, जो अब तक नहीं हो पाया है।