नगर निगम ने वेधशाला के पास 2.46 करोड़ से बने चार मंजिला टॉवर पर स्थापित डिजिटल वैदिक घड़ी को पूर्व में 1 मार्च को विक्रमोत्सव के शुभारंभ के साथ लोकार्पित होना था। अब इसमें बदलाव कर 29 फरवरी की तारीख तय की है। फिलहाल घड़ी के टॉवर पर लगने के बाद इसकी टेस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है। इंजीनियरों के माध्यम से घड़ी को विभिन्न सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। यह काम 28 फरवरी तक पूरा हो जाएगा। निगमायुक्त आशीष पाठक ने बताया कि पीएम मोदी 29 फरवरी को वर्चुअल रूप से वैदिक घड़ी का लोकार्पण करेंगे।
वैदिक घड़ी भारतीय गणना के मान से चलेगी। इसमें 48 मिनट का एक घंटा रहेगा। इस 48 मिनट को आवृत्ति कहते हैं। सूर्योदय से सूर्यास्त तक ऐसी 30 मुहूर्त रहेंगे। इंजीनियर शिशिर गुप्ता ने बताया कि घड़ी के माध्यम से चौघड़िया, शुक्ल पक्ष, तीज-त्योहार तक की जानकारी मिल पाएगी। यह घड़ी एक तरह से भारतीय कैलेंडर रहेगा, जो विक्रमादित्या के विक्रम संवत पर आधारित है।
12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन हमेशा से काल गणना का केंद्र रही हैं। यहां से कर्क रेखा गुजरी है और मंगलग्रह का जन्म स्थान भी इसे ही माना जाता है। यहीं से विक्रम संवत की शुरुआत होने से पूरी दुनिया में विक्रम संवत के नाम से कैलेंडर और मुहूर्त संचालित किए जाते हैं। इसलिए दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी जीवाजीराव वेधशाला में लगाई गई है। दुनिया की ये पहली वैदिक घड़ी जीवाजीराव वैधशाला में 80 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई है।