उज्जैन

बड़ा सवाल: चरक अस्पताल में कौन ले जा रहा था लड़कियां…

देह व्यापार की सरगना पार्वती से अस्पताल से जुड़े किन कर्मचारियों से थी साठगांठ

उज्जैनSep 23, 2019 / 11:30 pm

Lalit Saxena

देह व्यापार की सरगना पार्वती से अस्पताल से जुड़े किन कर्मचारियों से थी साठगांठ

उज्जैन. 100 करोड़ रुपए के छह मंजिला चरक अस्पताल में बीते एक वर्ष से चल रहे देह व्यापार के मामले में पुलिस की जांच जिम्मेदारों से हटकर इस व्यापार में लगी महिलाओं तक सीमित रह गई है। अस्पताल की सूनी मंजिल पर कौन व्यक्ति लड़की और लड़कों को ले जाता था, कौन इन्हें रात में लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करवाता था, जैसे मुद्दे पर अब तक पुलिस की जांच ही शुरू नहीं हो पाई। अस्पताल में न लिफ्ट संचालक से और सुरक्षाकर्मियों से अब तक पूछताछ हो सकी है। स्थिति यह है कि पुलिस अस्पताल में चल रहे देह व्यापार के गिरोह के सीसीटीवी फुटेज भी अब तक जब्त नहीं कर पाई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस आखिर देह व्यापार से जुड़ी महिलाएं को ही पकडऩे में क्यों रुचि दिखा रही है।

चरक अस्पताल में पांच दिन पहले देह व्यापार का खुलासा हुआ था। पुलिस ने चार लड़कियों सहित छह लड़कों को गिरफ्तार किया था। इसमें चौंकाने वाले तथ्य यह सामने आए थे कि चरक अस्पताल की खाली मंजिल को देह व्यापार का अड्डा बनाया हुआ था। देह व्यापार के खुलासे से जिले के सबसे बड़े अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही इसकी छवि पर विपरित असर पड़ा था। ऐसे में पुलिस की जांच में पहले अस्पताल में देह व्यापार में सहयोग करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करना थी। अस्पताल सूत्र ही बता रहे हैं कि रात के समय जब अस्पताल की मंजिल पर ताले लग जाते हैं, किसी के भी आने-जोन पर रोक लग जाती है। सुरक्षाकर्मी भी सक्रिय होते हैं और आने-जाने वाले को टोक देते हैं तो फिर लड़कियां ग्राहकों के साथ खाली मंजिल पर कैसे चली जाती थी। कहीं न कहीं कोई कर्मचारी इस देह व्यापार के गिरोह से जुड़ा था और इनकी मदद कर रहा था। ऐसे में देह व्यापार के इस कांड में अस्पताल में तैनात लिफ्ट कर्मचारी, सुरक्षा कर्मी, वार्ड ब्वाय सहित अन्य लोगों की भूमिका भी जांच होनी चाहिए थी। इस दिशा में पुलिस अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। वहीं सिर्फ पुलिस अब गिरोह की मुख्य सरगना पार्वती बाई के साथ ही उससे जुड़ी लड़कियों को पकडऩे में ही जुटी है।

साइकिल स्टैंड से ही संचालित होता था देह व्यापार
चरक अस्पताल में देह व्यापार यहां साइकिल स्टैंड से ही संचालित होता है। अस्पताल सूत्रों की मानें तो सरगना पार्वती बाई का यहीं उठना-बैठना था। स्टैंड के पास ही इस धंधे से जुड़े एजेंट आते थे और ग्राहकों को लाते थे। इसी के बाद लड़कियों को ग्राहकों के साथ अस्पताल में भेजा जाता था। जब लड़के-लड़कियां अस्पताल के बरामदे या लिफ्ट से गुजरते तो कोई भी इन्हें नहीं टोकता था। ऐसे में रात के समय ड्यूटी देने वाले लिफ्ट मैन हो या फिर सुरक्षाकर्मी की कहीं न कहीं इनसे मिलीभगत थी।

अब तक नहीं हुई लिफ्ट और सुरक्षाकर्मी से पूछताछ
पुलिस ने अस्पताल से पहले दिन कार्रवाई के बाद यहां मौजूद लिफ्ट व सुरक्षाकर्मियों से किसी तरह की पूछताछ नहीं की। बताया जा रहा है कि नाबालिग लड़की को पुलिस अस्पताल के साइकिल स्टैंड तक तस्दीक कराने लाई थी लेकिन अस्पताल के किसी कर्मचारी के बारे में पड़ताल नहीं की गई। यदि नाबालिग से तस्दीक करवाते तो अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों की वास्तविकता भी सामने आती। पत्रिका ने इस संबंध में सुरक्षा एजेंसी के ठेकेदार संजय अग्रवाल व लिफ्ट ठेकेदार अनिल पांचाल से संपर्क किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

नई कहानी…सूनी मंजिल नहीं बेसमेंट में होता था देह व्यापार

चरक अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर अनैतिक कार्य की बात को अब पुलिस गलत ठहरा रही है। पुलिस का कहना है कि देह व्यापार चरक अस्पताल के बेसमेंट में जहां पर कार पार्किंग होती थी, वहां होता था। इसमें भी सिर्फ एक बार ही ऐसा हुआ है। यहां की जिम्मेदारी भी पार्किंग वाले की है। इसमें से एक व्यक्ति गोलू को गिरफ्तार कर चुके हैं वहीं दूसरे व्यक्ति रामू को भी आरोपी बनाया गया है। बीमार होने के चलते उसे हिरासत में नहीं लिया है। पुलिस का तर्क यह भी है कि जांच में अस्पताल में ऊपरी मंजिल पर कुछ नहीं पाया गया। सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस ने अब तक सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले, अस्पताल के लिफ्ट मैन व सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ नहीं की तो फिर अचानक से स्पॉट कैसे बदल गया। अगर ऊपरी मंजिल पर कुछ नहीं हुआ तो पुलिस ने स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की।

सरगना पार्वती को भी तलाश रहे

हमारी पहली जांच लड़की के साथ गलत काम करने वाले युवकों को पकडऩे की है। देह व्यापार की सरगना पार्वती को भी तलाश रहे हैं। अस्पताल में देह व्यापार कैसे हो रहा था और कौन लोग थे इसके बारे में हम जांच करेंगे। सुरक्षाकर्मी और लिफ्ट वालों की भी जांच होगी।
रूपेश कुमार द्विवेदी, एएसपी, उज्जैन

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