तो वह मुझे दीदी कहने लगा
यह कहानी है उज्जैन निवासी लीना चंदन और गुजरात के कच्छ में रहने वाले गौतम कतीरा की। लीना ने बताया कि कुछ साल पहले हम अमरनाथ यात्रा पर गए। वहां मूकबधिर माता-पिता गिरीश-वीणा का इकलौता बेटा गौतम उनको लेकर बहुत परेशान हो रहा था। बुजुर्गों की हालत देखकर हमने उसकी मदद की, तो वह मुझे दीदी कहने लगा। पूरी यात्रा में वे लोग हमारे साथ रहे। तब से लेकर आज तक वह हर बार राखी बंधवाने उज्जैन आता है। कुछ समय बाद गौतम को डेंगू बुखार हो गया। तब ये लोग मुंबई में रहते थे। डॉक्टरों ने कहा उसका बचना मुश्किल है। मुझे पता चला तो मैं वहां पहुंची और उसका अच्छा इलाज कराया, जिससे वह बच गया। उसने कहा मेरी कोई सगी बहन होती, तो शायद आपकी तरह ही होती।
शादी भी मैं ही कराऊंगी
लीना ने बताया कि गौतम के लिए मैंने ही लड़की ढूंढी है। हाल ही में उसकी सगाई कराई है। लड़की राजपूत समाज से है और जल्द ही दोनों की शादी भी मैं ही कराऊंगी। भाई बनाया है, तो बहन होने का पूरा फर्ज निभाऊंगी। इस कार्य में पूरा परिवार मेरे साथ है।
श्रवण नक्षत्र में आज दिनभर बांधी जाएगी राखी
रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया नहीं होने से दिनभर शुभ मुहूर्त रहेगा। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर स्नेह की रेशमी डोर कभी भी बांध सकेंगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि 19 साल के बाद 15 अगस्त और रक्षाबंधन का पर्व एक ही दिन आ रहा है। इस दिन गुरुवार होने से गुरु श्रवण नक्षत्र का संयोग भी बना है, जो शुभ माना जाता है। इसी दिन कई लोग अपने घरों में श्रवण देवता की भी पूजा करेंगे।