दरअसल, पिछले कुछ दिनों से मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिएम मंथन का दौर शुरू हो गया है। दावेदार कई बताए जा रहे हैं। लेकिन फैसला कांग्रेस नेतृत्व को करना है। सोमवार को नक्सलवाद के मुद्दे पर सभी राज्यों के सीएम की बैठक में भाग लेने गए कमलनाथ ने दिल्ली में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात। ऐसे में यह चर्चा है कि शायद प्रदेश अध्यक्ष के मुद्दे पर भी चर्चा हुई होगी।
दिल्ली में होगा फैसला
वहीं, उज्जैन में शाही रथ को खींचने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उनके नाम की चर्चा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये सब निर्णय दिल्ली में हाईकमान लेंगे। उसके बाद वह आगे निकल गए। दरअसल, उन्होने इसे सिरे से खारिज भी नहीं किया। हालांकि सिंधिया ने कहा कि महाराष्ट्र की जिम्मेवारी की वजह से ही मुझे यहां आने में देर हो गई।
वहीं, उज्जैन में शाही रथ को खींचने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उनके नाम की चर्चा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये सब निर्णय दिल्ली में हाईकमान लेंगे। उसके बाद वह आगे निकल गए। दरअसल, उन्होने इसे सिरे से खारिज भी नहीं किया। हालांकि सिंधिया ने कहा कि महाराष्ट्र की जिम्मेवारी की वजह से ही मुझे यहां आने में देर हो गई।
साध्वी पर भी बरसे
भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि भाजपा नेताओं के निधन के लिए विपक्षी मारक शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं। उस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनलोगों को अपने गिरेबांन में झांकना चाहिए कि वैसे लोगों को अवसर दिया गया। इस देश में राजनीति का स्तर बनाए रखना भी बहुत महत्वपूर्ण और मुश्किल काम हो गया है।
भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि भाजपा नेताओं के निधन के लिए विपक्षी मारक शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं। उस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनलोगों को अपने गिरेबांन में झांकना चाहिए कि वैसे लोगों को अवसर दिया गया। इस देश में राजनीति का स्तर बनाए रखना भी बहुत महत्वपूर्ण और मुश्किल काम हो गया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। उनके खेमे के सभी मंत्री तो खुलकर समर्थन करते हैं। पिछले दिनों तो उनके समर्थकों ने भोपाल स्थित कांग्रेस दफ्तर के बाहर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर बैनर लगा दिया था। बाद में उसे हटाया गया था।