सावन के पहले सोमवार को निकलनेवाली महाकाल सवारी में इस बार रिकॉर्ड तोड़ भीड़ आई। लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए थे जिन्हें पार करने के चक्कर में लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए। भगदड़ मचते ही पुलिस ने जमीन पर पड़े लोगों को उठाकर बाहर किया और हल्का बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा।
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इधर सावन के पहले सोमवार को 5.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। शाम को महाकाल की सवारी Mahakal ki Sawari 2024 निकली जिसमें बाबा महाकाल मन महेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकले। इससे पहले पुलिस ने महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर दिया।
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महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से होती हुई रामघाट पहुंची जहां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद महाकाल की आरती हुई और फिर सवारी वापस रवाना हो गई। गोपाल मंदिर में हरि और हर का मिलन हुआ। इसके बाद बाबा महाकाल एक बार फिर पालकी में सवार होकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे।
महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से होती हुई रामघाट पहुंची जहां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद महाकाल की आरती हुई और फिर सवारी वापस रवाना हो गई। गोपाल मंदिर में हरि और हर का मिलन हुआ। इसके बाद बाबा महाकाल एक बार फिर पालकी में सवार होकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे।
मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि सावन में महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए खुद नगर भ्रमण पर निकलते हैं। महाकाल सवारी का भक्तों ने जोरदार स्वागत किया। भगवान महाकाल पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की, कई स्थानों पर पालकी रोककर आरती उतारी।
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सावन माह के पहले सोमवार केबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट भी सवारी में शामिल हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उनके प्रतिनिधि के रूप में महाकाल की पूजा अर्चना की।
सावन माह के पहले सोमवार केबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट भी सवारी में शामिल हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उनके प्रतिनिधि के रूप में महाकाल की पूजा अर्चना की।
बता दें कि इससे पहले भी महाकाल मंदिर और महाकाल सवारी में कई हादसे हो चुके हैं—
2021— महाकाल मंदिर में श्रावण के पहले सोमवार एक साथ हजारों श्रद्धालुओं के घुसने से भगदड़ मच गई।2016— महाकाल सवारी में भगदड़ मच गई, शाही सवारी के दौरान भीड़ में जमकर धक्का-मुक्की हुई, कई लोग सहित पुलिस वाले भी नीचे गिर गए थे।
1996— महाकाल सवारी में भगदड़ से कई लोगों की मौत हुई