पांच साल से कर रहा था अलसूफा के लिए काम, सीरियल बम ब्लास्ट की थी साजिश एनआइए ने खुलासा किया कि कन्हैयालाल की हत्या का आरोपी रियाज अत्तारी पांच साल से अलसूफा के लिए काम कर रहा था। इनका इरादा जयपुर और आसपास सीरियल ब्लास्ट करना था। एनआइए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को जैसे ही यह जानकारी लगी कि रियाज और गौस के अलसूफा से सम्बद्ध है, तुरंत उज्जैन और रतलाम में अलर्ट के निर्देश दे दिए।
एटीएस उज्जैन भी आई थी सर्चिंग करने 30 मार्च को चित्तौडग़ढ़ के निम्बाहेड़ा में 12.200 किग्रा विस्फोटक सामग्री के साथ अलसूफा से जुड़े तीन लोगों पकड़ा था। इसी विस्फोटक सामग्री से यह राजस्थान में ब्लास्ट करने वाले थे। एटीएस को जानकारी लगी थी कि इनका एक साथी उज्जैन में छीपा है। ऐसे में एटीएस अप्रैल में उज्जैन आई थी। यहां तोपखाना से एक युवक को गिरफ्तार कर ले गई थी। हालांकि इस मामले में पुलिस कुछ भी बताने से इनकार कर रही है।
अलर्ट पर है, हर गतिविधि पर नजर उदयपुर में निर्मम हत्या के बाद से शहर और जिले में अलर्ट के निर्देश हैं। अब तक अलसूफा के संबंधों के बारे में जानकारी नहीं लगी है। शहर के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में फोर्स तैनात है। सायबर सेल से सोशल मीडिया पर और ड्रोन से निगरानी कर हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। आतंकी मानसिकता नहीं पनपने देंगे।
सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसएसपी
सिमी-अलसूफा कनेक्शन : नागौरी के गुर्गे ने खड़ा किया अलसूफा
इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नाम से आतंकवादी संगठन खड़ा करने वाले उज्जैन जिले के महिदपुर निवासी सफदर नागौरी के संगठन को आगे बढ़ाने के लिए रतलाम में २०१२ में अलसूफा का गठन किया था। इसे सफदर के साथ असजद ने खड़ा किया था। संगठन के बनने के दौरान नागौरी जेल में था. तब नागौरी के साथी सैयद सलाउद्दीन ने पाकिस्तान से फंडिंग की। सैयद सलाउद्दीन उज्जैन के तोपखाना का रहने वाला है। 1997 में तोपखाना में होने वाली तकरीर में सफदर के भड़काऊ उर्दू भाषण के दौरान तत्कालीन टीआइ जीजी पांडे ने सलाउद्दीन के खिलाफ केस दर्ज किया था, तब से वह गायब है। संगठन से जुड़े कईं लोग अब भी महिदपुर, जावरा, उज्जैन, रतलाम और आसपास के क्षेत्रों में चोरी छीपे धर्म के नाम पर युवाओं का ब्रेन वॉश कर रहे हैं। सिमी की महिला शाखा शाइन फोर्स अब भी जावरा से लीड की जा रही है।