महाकाल मंदिर परिसर में प्रवेश का एक द्वार बड़े गणेश मंदिर मार्ग पर स्थित नागधारी गणेश मंदिर के पास है। इस द्वार का करीब दो दशक से उपयोग नहीं हो रहा है। इसके सामने अनेक दुकानें और गुमटियां लगी होने से नजर भी नहीं आता था। इस हिस्से में एक हादसे के बाद प्रशासन द्वारा गुमटियां, दुकानें और अतिक्रमण हटाने के बाद द्वार नजर आने लगा है। बताया जाता है कि वर्षों पहले भगवान महाकाल की सवारी में शामिल होने वाले हाथी को यही खड़ाकर सजाया जाता था। इस वजह से इसका नाम हाथी द्वार हो गया। इससे पहले इस द्वार का विशेष परिस्थिति में मंदिर प्रवेश के लिए उपयोग भी होता रहा। मंदिर का विकास होने के साथ प्रवेश-निर्गम के लिए अन्य द्वार का उपयोग होने और हाथी को मंदिर परिसर के भीतर सजाने की व्यवस्था के बाद से हाथी द्वार का उपयोग नहीं होने के कारण इसे बंद कर दिया गया। रहीं सही कसर अतिक्रमण ने कर दी।
द्वार के बाहर रख दिए पत्थर
अतिक्रमण हटने के बाद हाथी द्वार नजर आने लगा है। कतिपय व्यक्ति ने द्वार के चैनल के सामने किसी मंदिर या भवन से निकले दो प्राचीन पत्थरों को रखकर इनकी उभरी आकृति पर सिंदूर और चांदी का बरक लगाकर पूजन किया है। महाकाल मंदिर पुलिस चौकी द्वार किए जाने वाले निरीक्षण के दौरान यह स्थित सामने आने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा महाकाल मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक को पत्र लिखा है। इसमें बताया है कि हाथी द्वार अज्ञात व्यक्ति द्वार दो मूर्ति को स्थापित किया गया है। भविष्य में हाथी द्वार पर किसी भी पुजारी द्वार मूर्ति पूजन के माध्यम से अवैध रूप से अतिक्रमण किया जा सकता है। एेसी स्थिति को देखते हुए हाथी द्वार उक्त मूर्ति को हटाने का कष्ट करें।
महाकाल की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है द्वार
महाकाल मंदिर की सुरक्षा को लेकर आइबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट जारी करने के बाद मंदिर की सुरक्षा को चाकचौबंद करने के बीच हाथी द्वार पर किसी का प्रशासन या पुलिस का ध्यान नहीं है। जर्जर हो चुके इस द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं है। एेसे में हाथी द्वार महाकाल की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। प्रशासन इसे बंद करें या फिर इस पर सुरक्षा बल या गार्ड तैनात किए जाए।