उज्जैन. सभी बारह ज्योतिर्लिंगों को जो कि भारत में स्थापित हैं, उनको लाइन द्वारा उत्तर से दक्षिण की ओर मिलाने पर शंख के आकार में आकृति बनेगी। आश्चर्य की बात है या मात्र संयोग, यह तो स्वयं भगवान शिव ही जानें।
जानिए कहां-कहां स्थापित हैं ज्योतिर्लिंग
– सोमनाथ मंदिर एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित है। इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है।
– आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं। श्रीशैल पर्वत पर भगवान शिव का पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है।
– मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर महाकालेश्वर मंदिर स्थित है। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इसका वर्णन मिलता है। स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यंत पुण्यदायी महत्ता है। तांत्रिक परंपरा में प्रसिद्ध दक्षिणमुखी पूजा का महत्व है।
– ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह नर्मदा नदी के बीच मंधाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है।
– वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। ‘देवघरÓ यानी देवताओं का घर। यह सिद्धपीठ है। यहां मांगी हुई हर मनोकामना पूर्ण होती है। यहीं पर शिव के अनन्य भक्त रावण ने आराधना की थी और उन्हें खुश करने के लिए अपने 9 सिरों की आहुति दी थी।
– श्री भीमशंकर छठे स्थान पर है। इसमें कुछ मतभेद है। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र में ‘डाकिन्यां भीमशंकरमÓ ऐसा लिखा है, जिसमें ‘डाकिनी शब्द से स्थान का स्पष्ट उल्लेख नहीं हो पाता है। इसके अनुसार भीमशंकर मुंबई से पूरब और पुणे से उत्तर भीमा नदी के तट पर स्थित है।
– रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। ये शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है।
– नागेश्वर मंदिर, द्वारका गुजरात के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है। हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर।
– काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
– त्रयम्बकेश्वर नासिक के पास स्थित है। माना जाता है कि अगर व्यक्ति त्रयम्बकेश्वर जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
– केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदारों में भी एक है।
– महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नजदीक दौलताबाद से 11 किलोमीटर दूर घृष्णेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। कुछ लोग इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं।
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