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उज्जैन

स्मार्ट सिटी प्लान: लंबी एक्सरसाइज बाद महाकाल मंदिर तक बनेगा पॉथ-वे विद ट्रेवलेटर

महाकाल मंदिर तक सीसी रोड पर पाथ-वे विद ट्रेवलेटर सहित लगभग ३०० करोड़ रुपए के विकास कार्य शामिल किए गए हैं।

उज्जैनDec 14, 2017 / 01:25 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. लंबी एक्सरसाइज के बाद महाकाल मंदिर क्षेत्र का मास्टर प्लान लगभग तैयार हो गया है। इसमें बेगमबाग के पीछे इंटरप्रिटेशन सेंटर के नजदीक से महाकाल मंदिर तक सीसी रोड पर पाथ-वे विद ट्रेवलेटर सहित लगभग ३०० करोड़ रुपए के विकास कार्य शामिल किए गए हैं। प्रस्तावित मास्टर प्लान को मंजूरी के लिए स्मार्ट सिटी बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

स्मार्ट सिटी एरिया बेस्ड डेवलपमेंट अंतर्गत महाकाल मंदिर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास कार्य होना है। इसके लिए पृथक से मास्टर प्लान तैयार किया गया है। बुधवार को कंसलटेंट नितिन श्रीमाली ने निगमायुक्त डॉ. विजय जे., स्मार्ट सिटी कंपनी सीईओ अवधेश शर्मा व यूडीए सीईओ अभिषेक दुबे के समक्ष मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया। करीब एक घंटे तक प्लान पर चर्चा हुई। स्मार्ट सिटी कंपनी की बोर्ड बैठक होगी, जिसमें महाकाल मंदिर क्षेत्र के मास्टर प्लान को रखा जाएगा। संभावना है कि बोर्ड में प्रस्तावित मास्टर प्लान को फ्रीज (सभी की सहमति और फिर संशोधन की आवश्यकता नहीं) किया जा सकता है।

कॉफी विद टॉयलेट में रुचि नहीं

स्मार्ट सिटी अंतर्गत कॉफी विद टॉयलेट के कंसेप्ट में किसी वैंडर ने रुचि नहीं ली है। कंपनी ने कुछ दिन पूर्व स्मार्ट टॉयलेट को लेकर टेंडर निकाले थे। इसमें ऐसे सुविधाघर बनने थे जिनके आगे कॉफी काउंटर व पीछे टॉयलेट्स रहते। यदि कोई व्यक्ति कॉफी पीता तो वह इन साफ-सुथरे टॉयलेट का फ्री उपयोग कर सकता था। टेंडर में वैंडर्स ने रुचि नहीं ली। अब स्मार्ट टॉयलेट्स के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी शी-लांज कंसेप्ट को अपनाने की तैयारी में है।

इससे ऐसा क्षेत्र विकसित किया जाएगा जहां महिलाओं की आवश्यकता से जुड़ी छोटी-छोटी वस्तुएं मिल सकेंगी और शॉपिंग के साथ ही वह सुविधाघर का उपयेाग कर सकेंगी। बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव भी रखा जाएगा।

रुद्रसागर के लिए पृथक से प्लान
मास्टर प्लान में रुद्रसागर विकास को शामिल तो किया गया है लेकिन इसके विकास की योजना पृथक से तैयार होगी। योजना तैयार करने का जिम्मा नगर निगम-पीएचई को दिया है। रुद्रसागर विकास योजना, महाकाल क्षेत्र के मास्टर प्लान का ही एक हिस्सा होगा। राशि भी स्मार्ट सिटी अंतर्गत ही प्राप्त होगी।

मास्टर प्लान में यह खास परिकल्पना
पार्किंग : जयसिंहपुरा इंटरप्रिटेशन सेंटर (त्रवेणी) के सामने वाहन पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। वाहन पार्क करने के बाद सामान्य यात्री पैदल महाकाल मंदिर जाएंगे।
पाथ-वे : इंटरप्रिटेशन सेंटर से बेगमबाग के पीछे होते हुए महाकाल फेसिलिटी सेंटर की ओर सीमेंट कांक्रीट रोड बना हुआ है। इसी रोड के ऊपर कुछ फीट ऊंचाई पर एक ओर रोड (पाथ-वे) बनेगा। पाथ-वे के बीच-बीच में ट्रेवलेटर लगाए जाएंगे जिन पर खड़े होने वाला व्यक्ति बिना चले ही आगे बढ़ सकेगा। इससे कुछ समय का आराम मिलता है। इस पाथ वे पर एक रोड का उपयोग महाकाल जाने व दूसरे का उपयोग महाकाल से आने में हो सकेगा। आसपास के रिक्त स्थान पर दिव्यांग, वृद्ध या जरूरतमंदों के लिए बैटरी चलित वाहन संचालित हो सकेंगे। मंदिर के पीछे से बड़ा गणेश मंदिर तक शेड की व्यवस्था रहेगी।
एस्थेटिकल वॉल : बेगमबाग से महाकाल मार्ग पर एस्थेटिकल (सौंदर्यीकृत) वॉल का निर्माण होगा। यह वॉल अखरधाम मंदिर परिसर स्थित वॉल की तरह होगी। खूबसूरती के साथ ही इस वॉल को महाकाल क्षेत्र की थीम से भी सजाया जा सकता है।
महाराजवाड़ा स्कूल : महाराजवाड़ा स्कूल भवन को हैरिटेज बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा। आसपास के क्षेत्र को ओपन स्पेस रखा जा सकता है।
हैंगिग ब्रिज : चारधाम मंदिर से महाकाल मंदिर के पीछे बेगमबाग पाथ वे तक रुद्रसागर पर हैंगिंग ब्रिज बनेगा। इसे विक्रम टीले से भी जोड़ा जाएगा। ब्रिज से पर्यटक टीले तक पहुंच सकेगा।

सवारी मार्ग को मॉडल रोड बनाने फिर से टेंडर, ४६ लाख रुपए बढ़ी लागत
उज्जैन. कार्तिक चौक से जगदीश मंदिर होते हुए ढाबा रोड तक के सवारी मार्ग को मॉडल रोड बनाने नगर निगम ने पुराने टेंडर कर निरस्त कर नया टेंडर निकाला है। अंडर ग्राउंड डक्ट व सारी लाइनें इसी में डालने का काम जोडऩे के चलते प्रोजेक्ट की लागत ९४ लाख से १.४० करोड़ तक पहुंच गई। अब नया टेंडर मंजूर होने पर ही काम शुरू होगा। तब तक मार्ग ऐसा ही पड़ा रहेगा और रहवासियों को परेशानी उठाना पड़ेगी।
पूरे मार्ग में कहीं भी खुले तार, पाइप लाइन या नाली नहीं दिखेगी। मेट्रो सिटी की तर्ज पर इसमें ये सब कुछ अंडर ग्राउंड रहेगा। निगम ने इस भाग को स्मार्ट सिटी प्लानिंग में शामिल किया है। बता दें कि मार्ग चौड़ीकरण दौरान ऐसी प्लानिंग नहीं थी लेकिन बाद में आए सुझाव के बाद निगम ने इस प्रोजेक्ट में अमूलचूल परिवर्तन किए। नई डीपीआर अनुसार इसे विकसित किया जाएगा।

तीन लेअर में अंडर ग्राउंड डक्ट
मार्ग के दोनों तरफ छह फीट तक खुदाई होगी। इसमें तीन लेअर में अंडर ग्राउंड डक्ट बनेंगे।
सबसे नीचे सीवर वाटर, इसके ऊपर स्ट्रॉम वाटर (बारिश व सड़क पर बहने वाला) लाइन डलेगी।
मार्ग में नाली रहेगी ही नहीं, निश्चित दूरी पर चेंबर बनेंगे ताकी सफाई कार्य हो सकें।
दोनों लाइनों के ऊपर तीसरे डक्ट में पेयजल लाइन, पास में बिजली, स्ट्रीट लाइट, टेलीफोन, केबल डलेगी।
साइट क्लीअर, नए टेंडर के बाद काम- मार्ग का चौड़ीकरण हो चुका है। जो मकान शेष थे वे भी हट गए हैं। कुछ छोटी-मोटी अड़चन है। नए टेंडर मंजूर होने के बाद निगम नई प्लानिंग के तहत यहां डक्ट व सड़क निर्माण कार्य शुरू कराएगा।
नए टेंडर में १ माह लग सकता है। यानी इतने दिनों तक क्षेत्र के लोगों को धूल व टूटे-फूटे मार्ग के बीच ही रहना पड़ेगा।

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