उज्जैन

भस्म आरती में राजा महाकाल ने रमाई भभूती, अनूठा शृंगार…

संतान सप्तमी के मौके पर भोले बाबा भगवान श्रीमहाकालेश्वर को आकर्षक रूप से सजाया गया, मनभावन शृंगार किया गया।

उज्जैनAug 28, 2017 / 11:26 am

Gopal Bajpai

Bhasm Aarti Darshan,mahakal darshan today 28 august,Mahakaleshwar Temple Ujjain

उज्जैन. संतान सप्तमी के मौके पर भोले बाबा भगवान श्रीमहाकालेश्वर को आकर्षक रूप से सजाया गया, मनभावन शृंगार किया गया। फूलों और भांग के अलावा ड्रायफ्रूट से सजाया गया। सोमवार का दिन और संतान सप्तमी पर्व होने से महाकाल का अलौकिक स्वरूप में अद्भुत शृंगार किया गया। बाबा महाकाल की भोग आरती में झांझ-डमरुओं की गूंज होती है। साथ ही इसी समय उन्हें पकवानों का भोग भी अर्पण किया जाता है।

महाकाल की महिमा निराली
भगवान महाकाल की महिमा बड़ी ही निराली है। बिल्व पत्र और चंदन से खूब सजते हैं। भस्म आरती के बाद सुबह 10.30 बजे भोग आरती के दर्शन होते हैं। भोलेनाथ भगवान महाकाल अपने भक्तों को अलौकिक स्वरूप में दर्शन देते हैं। चंदन-ड्रायफ्रूट आदि से उन्हें सजाया जाता है। शृंगार भी ऐसा कि देखते ही मन आनंदित हो जाए।

त्रिनेत्र से दमक उठा मुखारविंद
भोलेनाथ को जल-दूध, दही और चंदन से स्नान के बाद पंचामृत पूजन किया गया। गले में पुष्पों का हार सुशोभित था, तो त्रिपुंड व त्रिनेत्र से मुखारविंद दमक रहा था। राजाधिराज महाकाल का मनभावन शृंगार हुआ। श्रावण मास में ज्योतिर्लिंग पर चंदन से आकर्षक स्वरूप बनाया गया, भक्तों ने इस निराले रूप के दर्शन किए तो पूरा हॉल जयकारों से गूंज उठा।

हर पल लुभाता बाबा महाकाल का स्वरूप
भस्मी रमाने वाले बाबा महाकाल को पहले जल-दूध से स्नान कराया, इसके बाद भस्मी रमाई। बिल्व पत्रों और फूलों के हार से सजाया गया। यह रूप भक्तों को हर पल आनंदित करता है। प्रतिदिन अनूठे शृंगार होते हैं। भांग और ड्रायफ्रूट का शृंगार किया जाता है। उनके मुख पर चंदन का त्रिपुंड तो गले में पुष्पों की माला शोभा बढ़ा रही थी। तरह-तरह के सूखे मेवे भी शृंगार में उपयोग किए जाते हैं। बाबा का यह रूप बड़ा ही मनोहारी होता है। विविध प्रकार के शृंगारों में भांग शृंगार सबसे अनूठा और खास माना जाता है।

Hindi News / Ujjain / भस्म आरती में राजा महाकाल ने रमाई भभूती, अनूठा शृंगार…

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.