पुलिस ने एडवायजरी संचालक अजय पंवार और शशि मालवीय को गिरफ्तार किया। पार्टनर चंदन भदौरिया, विनय राठौर सहित 12 फरार हैं। पुलिस की 4 टीम क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर कुबेर होटल के ऊपर संचालित रिसर्च मार्ट लिमिटेड, स्टॉक रिसर्च एंड बुलिश इंडिया, एके बिल्डिंग चौराहा पर मनी मैग्नेट रिसर्च लिमिटेड, तीन बत्ती क्षेत्र में चॉइस ब्रोकिंग फर्म और शंकु मार्ग पर संचालित एंजेल वन लिमिटेड के दफ्तर पर पहुंची। यहां सभी आरोपियों को बस में भरकर ले गई।
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30 प्रतिशत कमीशन वसूलते थे
शेयर मार्केट में मोटे मुनाफे का लालच देकर टेलीकॉलर लोगों से फर्जी ऐप के जरिए डीमेट अकाउंट खुलवाते थे। फर्जी अकाउंट को मैनेज कर इन्वेस्टर्स को धोखे में रखा जाता और नुकसान होने पर उसकी पूरी रकम हड़प ली जाती। कई बार इन्वेस्टर्स पहले से खुले डीमेट अकाउंट पर ट्रांजेक्शन करता था तो यह पहले ही 30 प्रतिशत कमीशन लेकर किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करवा देते थे। यह खेल शहर में लंबे समय से चल रहा था। चौंकाने वाली बात यह कि इन पर अब तक पुलिस की नजर नहीं पड़ी थी।150 मोबाइल, 25 लैपटॉप
पुलिस ने 150 मोबाइल, 25 लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज, डीमेट अकाउंट और इन्वेस्ट करने वालों के मोबाइल नंबर की लिस्ट मिली है। किसी के पास सेबी का लाइसेंस नहीं मिला। यहां पुलिस के हाथ खातों में लाखों के ट्रांजेक्शन भी लगे हैं।“
एडवायजरी के नाम लोगों से ठगी करने वाले रैकेट को पकड़ा गया। 2 संचालक भी पकड़े गए। लाखों का ट्रांजेक्शन के डाक्यूमेंट जब्त किए हैं। कई पीड़ितों की पहचान हुई है जिनसे ठगी की गई।-प्रदीप शर्मा, एसपी