शिक्षा विभाग के क्लर्क द्वारा भ्रष्टाचार कर इतनी सम्पत्ति अर्जित करने का यह प्रदेश में पहला मामला है। सहायक शिक्षक धर्मेन्द चौहान ने अपनी पत्नी के भाई के नाम से नैनावद गांव में 24 लाख रुपए की खदान ले रखी थी। हालांकि ईओडब्ल्यू को उसके बैंक लॉकर से कुछ नहीं मिला है। इसके अलावा ईओडब्ल्यू ने शिक्षा विभाग को मामले में नोटिस देकर क्लर्क के बारे में सूचना दी है। इसके अलावा उसके द्वारा किया गया 50 लाख का ट्रांजेक्शन भी बैंक में सामने आया है, जिसके बारे में इनकम टैक्स को सूचना पत्र भेजा है।
100 से ज्यादा छात्राओं को यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर भेजता था अश्लील वीडियो-मैसेज
एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि आरोपी धर्मेन्द्र चौहान के पास दो करोड़ रुपए की बेनामी सम्पत्ति और मिली है। जो उसने अपने रिश्तेदारों के नाम से खरीद रखी थी, वहीं उसके पास से एक नेनावद में खदान के कागजात मिले हैं। यह खदान आरोपी ने अपनी पत्नी के भाई के नाम से ले रखी थी। इस तरह करीब ढाई करोड़ रुपए की सम्पत्ति और सामने आई है वहीं 50 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन भी सामने आया है।ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि यह प्रदेश में पहला मामला है, जब शिक्षा विभाग के एक क्लर्क के पास इतनी सम्पत्ति मिली है।
लोकायुक्त टीम को देख खाली हुआ तहसील दफ्तर, 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया बाबू
घर नहीं स्टूडियो बना रखा
ईओडल्ल्यू ने जब बुधवार को आरोपी के घर दबिश मारी थी तो वह खुद चौंक गई थी। क्लर्क ने घर को फिल्मी स्टूडियो की तरह बना रखा है। उसके यहां हर कमरे में एक एलसीडी लगी हुई थी, वहीं छत पर चार डिश एंटिना लगा रखे हैं। आरोपी के पास से इंगोरिया रोड की एक जमीन पर फॉर्म हाउस का नक्शा भी मिला है। जल्द ही इंगोरिया में आरोपी फॉर्म हाउस बनाने वाला था, जहां स्वीमिंग पूल की भी प्लानिंग थी।