उज्जैन

महाकाल के आंगन को शिव-महिमा की कलाकृतियों से सजाने की तैयारी

राजाधिराज महाकाल के आंगन को शिवमहिमा की कलाकृतियों से सजाने-संवारने की तैयारी की जा रही है।

उज्जैनMay 09, 2019 / 10:06 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. राजाधिराज महाकाल के आंगन को शिवमहिमा की कलाकृतियों से सजाने-संवारने की तैयारी की जा रही है। फ्रेम फारमेट की कृतियों को मंदिर परिसर की खाली दीवारों पर लगाने की योजना है। इसके लिए सैम्पल के तौर पर एक तस्वीर को महाकाल के अन्नक्षेत्र में लगाया गया है।

दीवारों के खाली स्थानों पर शिव महिमा

महाकाल मंदिर फेसेलिटी सेंटर, कॉरिडोर, मारबल गलियारा और परिसर के भीतर की दीवारों के खाली स्थानों पर शिव महिमा को लगाकर बाबा के आंगन को सजाने की योजना पर विचार किया गया है। कलेक्टर एवं महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष शशांक मिश्रा ने पिछले दिनों मंदिर का निरीक्षण करने के बाद मंदिर के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि दीवारों को इस तरह से सजाया-संवारा जाए कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव हो और आनंद मिले। इसके बाद पहले दीवारों पर चित्रकारी का सुझाव आया था, लेकिन यह व्यवहारिक नहीं रहा। इसके बाद फ्रेम फारमेट की कृतियां लगाने पर विचार किया गया। इसके लिए इंदौर में फाइबर मैटेरियल की कलाकृतियों का निर्माण करने वाले कलाकार से संपर्क किया गया है।

अन्नक्षेत्र में लगाया सैम्पल
मंदिर में करीब 25 से 30 कलाकृतियां लगाने की योजना है। इसके लिए इंदौर के कलाकार से शिव महिमा पर केंद्रित कलाकृति सैम्पल के तौर पर ली गई है। इसमें भगवान शिव-पार्वती कैलाश पर्वत पर विराजित हैं और भगवान गणेश भ्रमण कर रहे हैं। विविध रंगों से सुसज्जित फाइबर मैटेरियल की कलाकृति के सैम्पल को फिलहाल महाकाल मंदिर के अन्नक्षेत्र में लगाया गया है। मंदिर प्रबंध समिति की स्वीकृति के बाद महाकाल मंदिर की विभिन्न दीवारों पर इस तरह की कलाकृतियां नजर आने वाली है।

परशुराम शस्त्र, शंकराचार्य शास्त्र के ज्ञाता थे
भगवान परशुराम शास्त्र के ज्ञाता थे और उन्होंने अपने शस्त्र विद्या से आसुरी शक्ति का पृथ्वी से 21 बार संहार कर धर्म की स्थापना की। वहीं दूसरी ओर आद्य जगतगुरु शंकराचार्य महाराज ने शास्त्र के ज्ञान से बौद्धों अन्य धर्मावलम्बियों की व्याख्या कर शास्त्र के माध्यम से आसुरों को परास्त कर धर्म की स्थापना की। चारों दिशाओं में चार पीठ स्थापित कर संस्कृति का विस्तार कर धर्म की रक्षा की।

परशुराम जन्म महोत्सव

उक्त विचार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य जयंती एवं परशुराम जन्म महोत्सव में आयोजित तीन दिवसीय समारोह के समापन अवसर पर उपस्थित ब्राह्मणों, संतों एवं विद्वानों के समक्ष संत भागवताचार्य पं. हरि नारायण शास्त्री ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में राम चरित्र मानस के कथावाचक पं.सुलभ शांतुगुरु महाराज ने भी अपने विचारों से अवगत कराया। इस अवसर पर आनंद महाकाल गिरि महाराज, पं. जियालालजी शर्मा, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पं.सुरेंद्र चतुर्वेदी, गोपाल धाम के संस्थापक तथा किंकर नामानंदजी महाराज ने भी संबोधित किया। ब्राह्मण समाज द्वारा संत हरिनारायण शास्त्री, पं.सुलभ शांतुगुरु, महाकाल गिरि तथा किंकर नामानंद महाराज का शंकराचार्य की संत परंपरा में सम्मान किया गया। वैदिक ब्राह्मण एवं कर्मकांड परंपरा में उज्जैन के पं.भरत पंड्या, राम शुक्ल, जानकीलाल पाठक का सम्मान किया गया। स्वागत भाषण महिला सभा की संभागीय अध्यक्ष प्रेरणा मनाना ने दिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज कि प्रदेश महिला इकाई अध्यक्ष निशा त्रिपाठी, देवेंद्र दुबे, लता शर्मा, वंदना शर्मा, सावित्री महन्त, उमेश शंकरगाये, सुनील व्यास, सुकीर्ति व्यास, मनोहर दुबे, रत्ना शर्मा, देवेंद्र पुरोहित, अजयशंकर जोशी, मधुसूदन जोशी मौजूद थे। संचालन प्रदीप तिवारी ने किया। आभार तरुण उपाध्याय ने माना।

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