मोदी के योग गुरु की सादगी ने मन मोहा
सम्मेलन में देश-विदेश के वक्ताओं के उद्बोधन के समय प्रधानमंत्री के योग गुरु डॉ . नागेन्द्र सादगी के साथ अन्य श्रोताओं के साथ बैठे। उनकी इस सादगी पर विदेशी वक्ताओं के साथ विश्वभर से आए विद्वान भी मुग्ध हैं। दरअसल डॉ. नागेन्द्र पूरे सत्र को दर्शक दीर्घा में बैठकर ही देखते-सुनते रहे।
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21 देशों से उज्जैन पहुंचे विख्यात विद्वानों ने अपने-अपने देश के जल को एक पात्र में एकत्र कर श्री महाकालेश्वर का जलाभिषेक किया। प्रसाद के रूप में प्राप्त जल को शिप्रा नदी में प्रवाहित किया। इस भावना के साथ कि पूरे विश्व में एक ही जल है, एक ही आत्मा है और एक ही रक्त का संचार मनुष्य में होता है। इससे बड़ा एकात्मकता का संदेश कोई और हो नहीं सकता।
देश-दुनिया को एक सूत्र में जोड़ सकता है योग
सम्मेलन में पीएम मोदी के योग गुरु डॉ. नागेन्द्र ने कहा कि अध्यात्म ही देश और विश्व को एक सूत्र में जोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में अध्यात्म को लेकर बहुत कुछ सोचा-विचारा जा रहा है। यही एक साधन है, यही एक रास्ता है, जिस पर चलकर भारत के साथ विश्व के लोग अपने जीवन में चेतना का संचार कर सकते हैं। मानसिक शांति की उच्चतम अवस्था प्राप्त कर सकते हैं।