उज्जैन में संत स्वामी प्रदिप्तानंद से 71 लाख की ठगी में पुलिस ने इंदौर से 6 ठगों को गिरफ्तार किया। वहीं, भोपाल में गरीबों को चार हजार रुपए देकर उनके फर्जी खाते खोलने और सिम कार्ड गिरोह को बेचने वाला ठग भी पकड़ा गया। इस कार्रवाई से साफ हो गया कि देश-दुनिया से ही नहीं, बल्कि इंदौर और भोपाल में भी साइबर ठगों ने अपना ठिया बना रखा है।
आपके पार्सल में ड्रग है…ताइवान से आया फोन
रामकृष्ण मिशन आश्रम के संत प्रदिप्तानंद को साइबर ठगों ने ताइवान से आए पार्सल में ड्रग होने का डर दिखाकर 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। फिर केस रफा-दफा करन 71 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने संत को इतन डराया कि वे पांच दिन इंदौर में अस्पताल में भर्ती रहे। शिकायत के बाद पुलिस ने 23 लाख रुपए फ्रीज कराए। इंदौर से 4 ठग खातीवाला टैंक से महेश फतेचंदानी, राऊ के मयंक सेन, द्वारकापुरी के यश अग्रवाल व सतवीर सिंह को गिरफ्तार किया है। दो मास्टरमाइंड विजय नगर के विशाल पटोल और चेतन सिसोदिया फरार हैं। ठगों ने किराये के खातों में ट्रांजेक्शन किए, खाताधारकों को 25% कमीशन दिए। एसपी प्रदीप शर्मा ने ‘पत्रिका रक्षा कवच’ को मददगार बताया। बोले- इससे सहयोग मिला है।
स्काइप से की वारदात
12 नवंबर को स्वामी प्रदिप्तानंद को 8878564878 नंबर से महिला ने फोन किया। फेडेक्स कूरियर मुंबई की कर्मचारी बता बोली- आपका पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा गया था। इसमें ड्रग था, लौट आया है। सीबीआइ ने पूछताछ की है। कूरियर कंपनी आप पर कार्रवाई करेगी। संत को अंधेरी पुलिस से संपर्क करने के नाम पर स्काइप ऐप डाउनलोड कराया। 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर आइसीआइसीआइ व यश बैंक के खातों में 71 लाख रुपए जमा करा लिए।ठगों तक ऐसे पहुंची पुलिस
पुलिस आइसीआइसीआइ और यस बैंक के दो खातों के जरिए ठगों तक पहुंच गई। बैंक से खाताधारक के फोटो और दस्तावेज के आधार पर तलाश की। जो खाताधारक मिले, उन्होंने बताया, इन खातों में आई राशि पर 25% तक कमीशन लेते थे। एसपी का कहना है, गेंग के साथ और कितने लोग हैं, उनके बारे में पूछताछ की जा रही है।एक साल से कोलार में छिपा था, बेचता था खाते-सिम, गिरोह का गुर्गा गिरफ्तार
भोपाल. राजधानी में साइबर ठगों को फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाली गैंग का गुर्गा अयोध्या नगर पुलिस के हत्थे चढ़ा। उत्तरप्रदेश के ललितपुर का आतिफ एक साल से भोपाल के कोलार में रहकर गरीब और जरूरतमंदों को निशाना बनाता था। वह झुग्गी-झोपड़ी में जाकर लोगों को रुपए का लालच देता और उनके नाम से सिम खरीदने के साथ बैंक खाते भी खुलवाता था। फिर गिरोह को बेच देता था। गिरोह से उसे प्रति खाते 10 हजार रुपए मिलते थे। इनमें से 4 हजार खाताधारक को देता, बाकी खुद रखता था। पुलिस ने उसे मिनाल कॉलोनी के गेट के पास दबोचा तो कई पासबुक और फर्जी सिम कार्ड बरामद हुए।
ठगों का जाल यूपी से भोपाल तक
पूछताछ में आतिफ ने बताया, अजय शर्मा भी ललितपुर का है। उसके साथ पंकज सोनी भी है। अजय ने टेलीग्राम पर गिरोह से संपर्क किया था। गिरोह ने फर्जी खाते और सिम खरीदने की बात कही। इसके बाद अजय और पंकज ने भोपाल तक ठगी का जाल बिछाया। इसमें आतिफ भी शामिल हो गया। वह भोपाल पहुंचा और गरीबों के दस्तावेज लेकर सिम और बैंक खाते खुलवाकर बेचने लगा। पुलिस ने बताया, जितने खाते बेचे हैं, उनमें एक में ठगी के 40 लाख भेजे गए।फेडरल बैंक में दस्तावेज देेते ही खुल जाते थे खाते
आतिफ ने बताया, वह एमपी नगर की फेडरल बैंक में खाते खुलवाता है। वो बैंक में अजय का नाम लेकर दस्तावेज देता और आसानी से खाते खुल जाते थे। पुलिस बैंक के कर्मचारी को भी संदिग्ध मान कर जांच कर रही है। ये भी पढ़ें: आयुष्मान के लिए आ रहे कॉल या लिंक तो रहें सतर्क, ये है साइबर ठगी का नया तरीका ये भी पढ़ें: डिजिटल अरेस्ट का खतरा, देश में 59,000 वाट्सऐप अकाउंट ब्लॉक