उज्जैन के सांदीपनि आश्रम के पुजारी ने पंडित प्रदीप मिश्रा से नाक रगड़कर माफी मांगने को कहा है। उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चेताया कि कहा कि अगर पंडित मिश्रा ने मथुरा जाकर प्रेमानंद महाराज से माफी नहीं मांगी तो वे कोर्ट जाएंगे।
बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन के गुरु सांदीपनि आश्रम में रहकर ही महर्षि सांदीपनि 64 कलाओं का ज्ञान लिया था। सांदीपनि आश्रम में आज भी बड़ी संख्या में भक्त आते है। आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा वे शिव पुराण के नाम पर टोने-टोटके कर रहे हैं।
पंडित रूपम व्यास ने आरोप लगाया कि पंडित मिश्रा लोगों को बरगला रहे हैं। उन्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं है, वे अपनी पुराण खुद ही लिख रहे हैं। व्यास पीठ से उन्होंने ‘राधा रानी पर अर्नगल बातें बोलीं, कौन से शास्त्र में पढ़ लिया। हम सांदीपनि आश्रम में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।
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क्या कहा था पंडित प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि राधाजी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में राधा रानी के पिता की कचहरी थी, जहां वह कभी कभार आती थीं। राधा रानी का विवाह छाता में हुआ था। श्रीकृष्ण की रानियों में कहीं भी राधा का नाम नहीं है। राधा के पति के रूप में कहीं भी श्री कृष्ण के नाम का उल्लेख नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।
क्या कहा था पंडित प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि राधाजी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में राधा रानी के पिता की कचहरी थी, जहां वह कभी कभार आती थीं। राधा रानी का विवाह छाता में हुआ था। श्रीकृष्ण की रानियों में कहीं भी राधा का नाम नहीं है। राधा के पति के रूप में कहीं भी श्री कृष्ण के नाम का उल्लेख नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।
क्या कहा था संत प्रेमानंद महाराज ने
पंडित प्रदीप मिश्रा के इस कथन का संत प्रेमानंद महाराज ने विरोध किया। उन्होंने पंडित मिश्रा के लिए कहा कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। हमें गाली दो तो चलेगा। लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए।
पंडित प्रदीप मिश्रा के इस कथन का संत प्रेमानंद महाराज ने विरोध किया। उन्होंने पंडित मिश्रा के लिए कहा कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। हमें गाली दो तो चलेगा। लेकिन तुम हमारे इष्ट, हमारे गुरु, हमारे धर्म के खिलाफ बोलेगे, उनका अपमान करोगे, तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम स्वयं को न्योछावर कर देंगे, तुम्हें बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए।