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अफगानिस्तान के अनाथ बच्चों को 21 साल तक मिलेगा सहारा, भारतीय समाज सेवी की घोषणा

जिले के नागदा में रहने वाले समाज सेवी मनोज राठी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि, वो अफगानिस्तान से आए पीड़ित बच्चों की 21 साल के होने तक परवरिश करेंगे।

उज्जैनAug 27, 2021 / 12:21 am

Faiz

अफगानिस्तान के अनाथ बच्चों को 21 साल तक मिलेगा सहारा, भारतीय समाज सेवी की घोषणा

उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन से मानवता की मिसाल पैश करने वाली एक खबर सामने आई है। जिले के नागदा में रहने वाले समाज सेवी मनोज राठी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि, वो अफगानिस्तान से आए पीड़ित बच्चों की परवरिश करेंगे। मनोज राठी ने कहा है कि, वो तालिबान छोड़कर आए अफगानी नागरिक और हिन्दुस्तानियों के अनाथ बच्चों की 21 साल तक पूरी परवरिश करेंगे। राठी के अनुसार, तालिबानियों के आंतक के चलते कई परिवार बर्बाद होकर बेघर हुए हैं। कई बच्चों के माता-पिता उनसे बिछड़ गए। मनोज राठी के अनुसार, अगर ऐसे में बच्चे हिन्दुस्तान आते हैं तो उनके रहने-खाने और पढ़ाई का खर्च उनकी संस्था मोहन श्री फाउंडेशन के तहत किया जाएगा।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मनोज राठी ने कहा कि, जिस तरह से टीवी पर अफगानिस्तान से खबरें सामने आ रही हैं, उन्हें देखकर ये बात तो स्पष्ट है कि, वहां के हालात ठीक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में हमारी संस्था हर बच्चे को 21 साल तक सहारा देने के लिये तैयार है। गौरतलब है कि, नागदा में रहने वाले समाज सेवी मनोज राठी ने साल 2013 में गरीब बच्चों के लिए मुफ्त मोहन श्री विद्यापीठ सकूल की शुरुआत की थी। इसमें फिलहाल 350 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। फिलहाल, ये स्कूल 5वीं कक्षा तक है, जिसके विस्तार की अनुमति लेने के प्रयास किये जा रहे हैं।

 

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हर धर्म के बच्चों के लिये सहारा है संस्था

स्कूल की ओर से ऐसे 13 बेसहारा बच्चों के खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। इनमें शाजापुर के 2 बच्चे, रतलाम जिले के आलोट से 2 बच्चे , जबकि 3 बच्चे रतलाम शहर के हैं। इनमें ऐसे बच्चे भी शामिल हैं, जिनके माता-पिता ही इनसे भीख मंगवाया करते थे। इन सभी बच्चों को 2016 से ही यहीं सहारा दिया जा रहा है। यहां सभी धर्मों के बच्चे हैं। 13 बच्चों में से 2 बच्चे मुस्लिम समाज से भी हैं। इन सभी बच्चों के लिये मनोज राठी हर महीने करीब 50 हजार रुपए से अधिक राशि खर्च करते हैं। स्कूल में मुफ्त पढ़ाई कर रहे 350 बच्चों पर 70 हजार रुपये अलग से खर्च होते हैं।

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