महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर प्रबंध समिति ने तय किया है कि ऐसे श्रद्धालू जो मंदिर में सवा लाख रुपए से ज्यादा का दान देंगे उनको एक साल तक वीआईपी दर्शन की सुविधा दी जाएगी और दर्शन के लिए उनको वीआईपी गेट से ही प्रवेश दिया जाएगा। दानदाता परिवार के दो सदस्यों को मंदिर प्रबंधन की ओर से कार्ड जारी किया जाएगा जिससे उनको वीआईपी प्रवेश के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई न हो और गेट पर कार्ड दिखाकर वह दर्शन कर सकें।
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महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन के मुताबिक यह नई सुविधा बाबा के भक्तों को दान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। भक्तों को कोई समस्या न हो इसलिए वीआईपी गेट पर इन दानदाताओं की सूची भी रखी जाएगी। पूरे साल कभी भी दानदाता उज्जैन आए और अपना कार्ड दिखाकर वीआईपी दर्शन करें। इस नई व्यवस्था में वह सभी भक्त शामिल होगे जो मंदिर में 1 लाख 25 हजार या उससे ज्यादा नगद राशि दान करेंगे इसके साथ ही इतनी राशि से ज्यादा राशि की सामग्री, आभूषण सहित अन्य दान देने पर भी दानदाता कार्ड जारी किया जाएगा। इस नए वीआईपी कार्ड की वैलिडिटी एक साल तक होगी।
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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में अब अगर एक छोटी सी गलती पकड़ी गई तो आपको 7 दिन के लिए बैन कर दिया जाएगा। मंदिर प्रबंधन ने महाकाल मंदिर में बाहरी व्यक्ति के अनाधिक्रत प्रवेश पर 7 दिन का बैन लगाने का फैसला लिया गया है। महाकाल मंदिर में मंदिर से जुड़े पुजारी-पुरोहित और कर्मचारियों के अलावा अब बाहरी लोगों पर भी नजर रखी जा रही है, साथ ही सुरक्षा गार्डों की लापरवाही पर उन्हें भी सबक सिखाया जा रहा है। महाकाल मंदिर में 20 सितंबर को सुबह 8 बजे पुनीत जोशी जो बाहरी व्यक्ति है, उसके द्वारा पालकी स्थल स्थित आपातकालीन द्वार के समीप से बैरिकेड्स हटाकर 5 से 7 व्यक्तियों को अनाधिकृत रूप से नियम विरुद्ध प्रवेश कराया गया था। पुनीत जोशी को दोषी पाए जाने पर उन्हें दंड स्वरूप मंदिर में प्रवेश के लिए सात दिन तक रोक लगा दी है।