महाकालेश्वर में बना गिनीज World Record, 1500 डमरू वादकों ने एक साथ दी प्रस्तुति Watch Video
महाकाल की भस्म आरती में बनाया नया World Record, 1500 डमरू वादकों ने एक साथ प्रस्तुति देकर बनाया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड देखें Video..महाकाल की सावन-भादौ मास में तीसरी सवारी आज 4 बज
महाकाल ने बनाया Guinness Book of World Record, 1500 डमरू वादकों ने एक साथ किया डमरू वादन।
Guinness World Record in Mahakal Ujjain: सावन के तीसरे सोमवार (Sawan ka Teesra Somwar) पर आज 5 अगस्त को महाकालेश्वर उज्जैन (Mahakaleshwar Temple Ujjain) में एक नया विश्व रिकॉर्ड (New World Record) बना लिया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) की टीम (Team) ने की डमरू वादन में रिकॉर्ड बनाने की घोषणा।
कई वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले मध्य प्रदेश का नाम एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। अब उज्जैन के साथ ही मध्य प्रदेश की उपलब्धियों के खाते में एक नई उपलब्धि जुड़ गई है।
सावन के तीसरे सोमवार 5 अगस्त को बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
सावन के तीसरे सोमवार पर 5 अगस्त 2024 को महाकाल उज्जैन में भक्तों के साथ ही डमरू बजाने वाला विशेष दल भी शामिल हुआ। इस दल के 1500 डमरू वादकों ने एक साथ 1500 डमरू बजाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। 1500 डमरुओं की आवाज से पूरी महाकाल नगरी गूंज उठी। इसके साथ ही भस्म आरती (Bhasm Arti) की धुन पर 15 मिनट तक ये प्रस्तुति दी गई।
मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर हुआ भव्य आयोजन
1500 डमरू और भस्म आरती की धुन पर 15 मिनट का ये भव्य आयोजन मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर किया गया। यहां रामघाट समेत पूरा उज्जैन डमरू और भस्म आरती की धुन से गूंज उठा।
सीएम मोहन यादव ने X पर जताई खुशी
एमपी सीएम डॉं. मोहन यादव ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बने इस World Record का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर शेयर कर खुशी जाहिर की है। इस पोस्ट में सीएम ने लिखा है…
उज्जैन में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड श्रावण मास (Sawan Month) के तृतीय सोमवार (3rd Monday) को एक साथ गूंजा डमरू का निनाद 1500 डमरू वादकों ने उत्साह से बजाया डमरू
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यहां करें बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन और देखें आज का श्रृंगार
दिया गया था प्रशिक्षण
href="https://www.patrika.com/madhya-pradesh-news" target="_blank" rel="noreferrer noopener">एमपी के इस नए विश्व रिकॉर्ड कार्यक्रम को विश्व स्तरीय बनाने के लिए भस्म रमैया भक्त मंडल की ओर से डमरू वादकों को तीन दिन का प्रशिक्षण दिया गया था।
सावन के तीसरे सोमवार पर 5 किलोमीटर के मार्ग पर महाकाल की तीसरी सवारी का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले भक्तों को पांच किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर शिव के प्रिय वाद्यों की मंगल ध्वनि सुनाई देगी। एक जैसी गणवेश में झांझ और डमरू बजाते दिखेंगे भक्त।