नगरीय आवास विभाग ने कहा, ऐसा कोई आदेश किसी निकाय को नहीं दिए गए हैं। बताते हैं, आदेश के विफल होने की वजह निगम की आपसी खींचतान है। दरअसल, महापौर मुकेश टेटवाल को अफसरों ने आदेश से अवगत नहीं कराया और मीडिया को जानकारी दे दी।
कार्यपालिक आदेश नहीं जारी किए
महापौर मुकेश टटवाल ने शनिवार को जारी आदेश में कहा था कि नगरीय सीमा में स्थित सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठनों के साइन बोर्ड पर संस्थापक व संचालक का नाम एवं मोबाइल नं. तथा दुकान व संस्थान का पंजीयन क्रमांक हिंदी भाषा में लिखे जाना अनिवार्य किया था। नियमों का पालन नहीं होने पर पहली बार 2 हजार फिर 5 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान किया था। महापौर टटवाल ने 26 सितंबर 2022 को एमआइसी में पारित हुए प्रस्ताव का हवाला देते हुए इन आदेशों को जारी करने की बात कही थी। रविवार को इस मामले में निगम की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया कि ऐसा कोई कार्यपालिक आदेश जारी नहीं किया गया है। निगम द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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निगम में आपसी खींचतान का नतीजा
दुकानों के बोर्ड पर संचालकों के नाम व मोबाइल नंबर लिखे जाने संबंधी आदेश और इसे वापस लेने के पीछे निगम में आपसी खींचतान भी सामने आई है। आदेश लागू होने संबंधी नियमों से महापौर को अफसरों ने अवगत नहीं कराया और मीडिया में जानकारी प्रसारित करवा दी। निगमायुक्त स्तर पर भी इस तरह के आदेश जारी होने से पहले स्वीकृति नहीं ली गई। ऐसे में निगम को बैकफुट पर आना पड़ा।मालिक का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने स्पष्ट किया है कि नगरीय क्षेत्र अंतर्गत कावड़ यात्रियों के मार्ग में आने वाली दुकानों के बोर्ड पर दुकान मालिक के नाम लिखने संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया है। प्रदेश की सभी निकायों से ऐसे भ्रम से दूर रहने को कहा है। बताया गया कि ”मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम2 017” के तहत दुकानों पर बोर्ड लगाए जा सकते हैं। इन बोर्डों पर दुकान मालिक का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं है। दुकानों के बोर्ड पर संचालकों के नाम व मोबाइल नंबर लिखे जाने संबंधी कोई कार्यपालिक आदेश जारी नहीं हुए हैं। निगम द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पूर्व में जारी सूचना जांच का विषय है। – आशीष पाठक, निगमायुक्त
निगम ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बोर्ड पर संचालकों के नाम व मोबाइल अन्य जानकारी दर्ज करने संबंधी प्रस्ताव एमआइसी में पास किया है।निगम ने सार्वजनिक सूचना भी जारी की। इसी के बाद इसे लागू करने की बात कही थी। -मुकेश टटवाल, महापौर