नागदा को जिला बनाने की तैयारी
नागदा को जिला बनाने के लिए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान भी ऐलान कर चुके है। उस समय नागदा को 4 तहसीलों और 422 गांवों मिलाकर जिला बनाने की घोषणा की गई थी। नागदा जिला, खाचरौद, आलोट और ताल तहसील को मिलाकर अस्तित्व में आएगा। इस जिले में 422 गांव शामिल और 200 ग्राम पंचायत होनी थी। हालांकि, शुरुआत में जरूर 4 तहसीलें रहेंगी लेकिन आगे चलकर इनमें उन्हेल को 5वीं तहसील बनाई जाएगी। इस तरह जिला 5 तहसीलों का जिला बनेगा।
16 साल पुरानी है नागदा को जिला बनाने की मांग
नागदा को जिला बनाने की मांग साल 2008 से उठ रही है। कई बार घोषणा हुई मगर नागदा जिले के अस्तित्व में नहीं आ पाया। साल 2023 विधानसभा चुनाव के पहले नागदा को जिला बनाने की मांग को लेकर युवा कांग्रेस नेता बंसत मालपानी ने 250 किलोमीटर की भोपाल तक यात्रा निकाली थी। कमलनाथ सरकार में 18 मार्च 2020 को नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था, लेकिन सरकार गिरने के बाद आगे कुछ नहीं हुआ। इसके बाद तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जिला बनाने की घोषणा दो बार की। इधर, विधायक तेज बहादुर चौहान का कहना है कि प्रदेश में भौगोलिक सीमाओं का नए सिरे से परिसीमन किया जा रहा है। इस वजह से इस मांग पर अमल होना अभी असंभव है।
दरअसल, उज्जैन मुख्यालय की नागदा से दूरी 57 किलोमीटर है। वहीं, खाचरोद से 74 किलोमीटर के करीब है। जिस वजह से लोगों को काम कराने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। अगर खाचरौद, आलोट और ताल को तहसील और नागदा को जिला बनाया जाता है, तो जिला मुख्यालय की दूरी कम हो जाएगी।
बता दें कि, मध्यप्रदेश में कुल 10 संभाग हैं। जिसमें 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। नए सिरे से परिसीमन के बाद संभाग, जिले और तहसील का नक्शा बदल जाएगा। साथ ही परिसीमन में पुर्नगठन आयोग देखेगा कि कहां कितनी विसंगतियां हैं।