मध्यप्रदेश का प्रथम विद्यालय जहां शिक्षा की संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध होंगी : राज्यमंत्री परमारसीएम राइज योजना : नवीन विद्यालय भवन का भूमि पूजन कि
गुलाना/शाजापुर. मध्यप्रदेश का प्रथम विद्यालय जहां शिक्षा की संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार ने सोमवार को सीएम राइज योजना अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुलाना में पाठ्य पुस्तक निगम के सहयोग से 2499.98 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाले नवीन विद्यालय भवन का भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान कही।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष अंबाराम कराड़ा, दिनेश शर्मा, विजय बैस, वीरेंद्र पाटीदार, बाबुलाल हावडिया, सूरजसिंह सिसोदिया, मोहनसिंह, हेमराज सिसोदिया, प्रकाश मेवाड़ा, लोक शिक्षण संचालनालय के अपर संचालक डीएस कुशवाह, संयुक्त संचालक उज्जैन आरके सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी अभिलाष चतुर्वेदी, तहसीलदार राजाराम करजरे, नायब तहसीलदार संदीप इवने सहित जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का संकल्प है कि आने वाले समय में हम मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन करेंगे। जिसके प्रथम प्रयास की शुरुआत सोमवार को विधानसभा शुजालपुर के गुलाना के सीएम राइज स्कूल जो कि मप्र पाठ्यपुस्तक निगम के सहयोग से निर्मित होगा के भूमिपूजन से कर रहे है। इस स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के आवागमन, खेल मैदान, शिक्षकों के आवास, कम्प्यूटर प्रयोगशालाओं सहित अन्य सुविधाएं भी होगी। इस विद्यालय के बनने से गुलाना सहित आप-पास के बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम राईज विद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा, इस विद्यालय में पूर्व प्राथमिक (नर्सरी) से कक्षा 12वीं तक विभिन्न विषयों की शिक्षा प्रदान की जायेगी। साथ ही साथ बच्चों को लाने एवं ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की जायेगी। उक्त निर्मित होने वाले विद्यालय परिसर में शिक्षकों को रहने के लिए भी आवास निर्मित किये जायेंगे। प्रदेश के सभी विद्यालयों में देश की अलग-अलग भाषाओं का अध्यापन भी कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में निर्मित दोनों शाला भवनों में आवश्यक उन्नयन कार्य भी किए जाएंगे। राज्यमंत्री परमार ने कहा कि शिक्षक केवल वेतन कमाने के उद्देश्य से कार्य न करें, बल्कि शिक्षक राष्ट्रनिर्माण की दृष्टि से बच्चों को शिक्षित करें एवं राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि भारतीयों द्वारा किए जा रहे संघर्ष को तोडऩे के लिए अंग्रेजों ने फूट डालने का काम किया। हमारे यहां पूर्व में गुरूकुल के माध्यम से शिक्षा ज्ञान आधारित गुणवत्तापूर्ण दी जाती थी। इससे अच्छे शिक्षक और अच्छे नागरिक बनते थे। शिक्षा समाज द्वारा दी जाती थी, न कि सरकार द्वारा। इसे अंग्रजों ने खत्म करते हुए उनके द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति लागू की, इसमें ज्ञान का कोई महत्व नहीं था। इसे देखते हुए श्रेष्ठ नागरिक निर्माण के लिए अब ज्ञान आधारित नई शिक्षा नीति बनाई गई है।
अंबाराम कराड़ा ने संबोधित करते हुए कहा भारत की नई शिक्षा नीति देश एवं पूरे विश्व को ज्ञान देने वाली है। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय इतिहास के बारे में भी जानकारी दी। इसके पूर्व अपर संचालक कुशवाह ने सीएम राइज योजना अंतर्गत निर्मित हो रहे विद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक हेमंत दुबे ने किया एवं आभार जिला शिक्षा अधिकारी चतुर्वेदी ने माना।