सीएम मोहन ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी के विचार को साकार करने के लिए राज्य सरकार हर नागरिक को सुलभ और उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस दिशा में 21 नवंबर को एक और इतिहास रचने की ओर प्रदेश अग्रसर है। जब मुख्यमंत्री उज्जैन मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन करेंगे, जो प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नए आयाम पर पहुंचाएगा। सीएम मोहन ने कहा कि, सिंहस्थ-2028 की जरूरतों को देखते हुए प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। इससे उज्जैन और आसपास के जिलों के मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
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एमपी में अब 17 मेडिकल कॉलेज
सीएम ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि साल 2003 तक प्रदेश में सिर्फ 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 17 हो चुके हैं। प्रदेश में एम.बी.बी.एस. सीटें भी 720 से बढ़कर 2,575 हो गई हैं। श्योपुर, सिंगरौली, मंडला और राजगढ़ में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ छतरपुर, दमोह और बुधनी में स्ववित्तीय अनुदान से मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही 12 अन्य जिलों में सार्वजनिक जनभागीदारी नीति के तहत मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया जारी है।इन शहरों में चल रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से एम.बी.बी.एस. सीटों में 2,000 से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी। भोपाल और ग्वालियर में अस्पताल की बेड कैपेसिटी को 2,500 तक बढ़ाने के साथ-साथ इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जबलपुर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन और इंदौर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई जैसी योजनाएं प्रदेश को चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं। यह भी पढ़ें- CM मोहन यादव की बड़ी घोषणा, जल्द भारत के समग्र महानगर कहलाएंगे एमपी के ये 4 शहर, Video