जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को १४०० रुपए और शहरी महिलाओं द्वारा शासकीय अस्पताल मेंं डिलिवरी करवाने पर १००० रुपए सहायता राशि स्वरूप प्रदान किए जाते हैं। योजना के तहत वर्ष २०१५-१६ के दौरान शासकीय अस्पतालों में हुई २१०० महिलाओं की डिलिवरी भुगतान ३१ मार्च २०१७ तक किया जाना था। नए सॉफ्टवेयर में आ रहे तकनीकी समस्याओं के कारण इस दौरान भुगतान की तिथि बढ़ाई गई थी। लेकिन इनमें से १३०० महिलाओं को आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया है। हाल ही में योजना से जुड़े भुवानलाल राठौड़ से ३९४ चेक को सीएमएचओ ने जब्त किया है। ८४१ चेक के बारे में अब भी कुछ पता नहीं लग सका है, जिसके चलते सीएमएचओ ने जेडी को जांच रिपोर्ट सौंपी है। जेडी ने घोटाले से जुड़े पूर्व सिविल सर्जन डॉ.एमएल मालवीय, योजना की नोडल ऑफिसर डॉ.अचला महाराजा, डीपीएम मोनिका मंडलोई और जिला लेखा प्रबंधक नितिन गेहलोद को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
एेसे किया गया घोटाला
जननी सुरक्षा योजना के तहत भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक अकाउंट में किया जाता है, लेकिन सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के चलते स्वास्थ्य मुख्यालय ने भुगतान में देरी होने के चलते इस दौरान हुई २१०० डिलिवरी की महिलाओं को चेक वितरित किए जाने के आदेश जारी किए थे। जो कि इस घोटाले का आधार बना। १० जुलाई २०१७ को पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एमएल मालवीय को तबादला शिवपुरी कर दिया गया है। २१०० चेक पर डॉ. मालवीय ने एक तिथि पर साइन कर दिए। चेक पर १० जुलाई,१७ की तिथि में पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मालवीय और नोडल अधिकारी डॉ. अचला महाराज के साइन किए गए। जबकि कुछ चेक में डॉॅ. महाराज के अलावा इसी तिथि में डॉ. अनीता जोशी के साइन मिले हैं। एक तिथि में दो नोडल अधिकारी के साइन से गड़बड़ी की पुष्टि हो रही है।
आरोपी को ही सौंप दी जांच प्रतिवेदन की जिम्मेदारी
योजना के संबंध में भोपाल मुख्यालय द्वारा संज्ञान लेने पर मामला सामने आया। पूर्व सीएमएचओ डॉ.वीके गुप्ता ने दबावपूर्वक मामले की जांच निवर्तमान सिविल सर्जन डॉ. राजू निदारिया को सौंपी। डॉ. निदारिया ने जांच के लिए डॉ.सीएम पुराणिक, डॉ.भिलवार और लेखापाल जीवन तिवारी की कमेटी गठित की। कमेटी ने जांच में चारों को दोषी पाया। उक्त जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन ने सीएमएचओ को सौंप दी, लेकिन सीएमएचओ ने जांच प्रतिवेदन की जिम्मेदारी आरोपी डीपीएम मोनिका मंडलोई को सौंप दी। जिसके चलते अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
अलमारी में मिला जांच प्रतिवेदन
सीएमएचओ डॉ. निदारिया ने बताया कि स्वास्थ्य मुख्यालय के संज्ञान लेने पर उन्होंने हाल में भुवानलाल राठौड़ से योजना से जुड़े ३९४ चेक जब्त किए हैं। पूर्व सीएमएचओ डॉ.गुप्ता के समय में बनवाया गया जांच प्रतिवेदन भी डीपीएम मोनिका मंडलोई की अलमारी से मिला है, जिसे जेडी कार्यालय में सौंपा जाना है। जांच प्रतिवेदन को जेडी को भेज दिया गया है।
मामले में अब तक ये मिली गड़बडि़यां
– योजना से जुड़े कुछ चेक पर नवंबर २०१७ की तिथि में काटा-पीटी की गई। जबकि इस दौरान सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया थे।
– कुछ चेक में १० जुलाई की तिथि में ही एक ही दिन में योजना की नोडल अधिकारी डॉ.अचला महाराज और डॉ.अनिता जोशी के हस्ताक्षर मिले है। एक तिथि में दो नोडल ऑफिसर संभव नहीं है।
– ८४१ चेक अब भी लापता है। इनकी कोई एंट्री नहीं मिल रही है।
– डॉ.मालवीय के ही साइन किए हुए ४० चेक एेसे मिले हैं, जिन पर १० जुलाई,२०१८ की तिथि डली हुई है।
– ब्लेंक चेक भी मिले हैं।
– ३९४ चेक को अब तक भुवान लाल राठौड़ ने अलमारी में रख रखा था।
एेसे किया गया घोटाला
जननी सुरक्षा योजना के तहत भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक अकाउंट में किया जाता है, लेकिन सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के चलते स्वास्थ्य मुख्यालय ने भुगतान में देरी होने के चलते इस दौरान हुई २१०० डिलिवरी की महिलाओं को चेक वितरित किए जाने के आदेश जारी किए थे। जो कि इस घोटाले का आधार बना। १० जुलाई २०१७ को पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एमएल मालवीय को तबादला शिवपुरी कर दिया गया है। २१०० चेक पर डॉ. मालवीय ने एक तिथि पर साइन कर दिए। चेक पर १० जुलाई,१७ की तिथि में पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मालवीय और नोडल अधिकारी डॉ. अचला महाराज के साइन किए गए। जबकि कुछ चेक में डॉॅ. महाराज के अलावा इसी तिथि में डॉ. अनीता जोशी के साइन मिले हैं। एक तिथि में दो नोडल अधिकारी के साइन से गड़बड़ी की पुष्टि हो रही है।
आरोपी को ही सौंप दी जांच प्रतिवेदन की जिम्मेदारी
योजना के संबंध में भोपाल मुख्यालय द्वारा संज्ञान लेने पर मामला सामने आया। पूर्व सीएमएचओ डॉ.वीके गुप्ता ने दबावपूर्वक मामले की जांच निवर्तमान सिविल सर्जन डॉ. राजू निदारिया को सौंपी। डॉ. निदारिया ने जांच के लिए डॉ.सीएम पुराणिक, डॉ.भिलवार और लेखापाल जीवन तिवारी की कमेटी गठित की। कमेटी ने जांच में चारों को दोषी पाया। उक्त जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन ने सीएमएचओ को सौंप दी, लेकिन सीएमएचओ ने जांच प्रतिवेदन की जिम्मेदारी आरोपी डीपीएम मोनिका मंडलोई को सौंप दी। जिसके चलते अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
अलमारी में मिला जांच प्रतिवेदन
सीएमएचओ डॉ. निदारिया ने बताया कि स्वास्थ्य मुख्यालय के संज्ञान लेने पर उन्होंने हाल में भुवानलाल राठौड़ से योजना से जुड़े ३९४ चेक जब्त किए हैं। पूर्व सीएमएचओ डॉ.गुप्ता के समय में बनवाया गया जांच प्रतिवेदन भी डीपीएम मोनिका मंडलोई की अलमारी से मिला है, जिसे जेडी कार्यालय में सौंपा जाना है। जांच प्रतिवेदन को जेडी को भेज दिया गया है।
मामले में अब तक ये मिली गड़बडि़यां
– योजना से जुड़े कुछ चेक पर नवंबर २०१७ की तिथि में काटा-पीटी की गई। जबकि इस दौरान सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया थे।
– कुछ चेक में १० जुलाई की तिथि में ही एक ही दिन में योजना की नोडल अधिकारी डॉ.अचला महाराज और डॉ.अनिता जोशी के हस्ताक्षर मिले है। एक तिथि में दो नोडल ऑफिसर संभव नहीं है।
– ८४१ चेक अब भी लापता है। इनकी कोई एंट्री नहीं मिल रही है।
– डॉ.मालवीय के ही साइन किए हुए ४० चेक एेसे मिले हैं, जिन पर १० जुलाई,२०१८ की तिथि डली हुई है।
– ब्लेंक चेक भी मिले हैं।
– ३९४ चेक को अब तक भुवान लाल राठौड़ ने अलमारी में रख रखा था।
नोटिस जारी करने के आदेश
गड़बड़ी की जानकारी मिली है। मामले से जुड़े डॉ. मालवीय, डॉ. महाराज, डीपीएम मंडलोई और जिला लेखा प्रबंधक को नोटिस जारी करने के आदेश जारी किए हैं।
डॉ.केके वास्कले, जेडी
गड़बड़ी की जानकारी मिली है। मामले से जुड़े डॉ. मालवीय, डॉ. महाराज, डीपीएम मंडलोई और जिला लेखा प्रबंधक को नोटिस जारी करने के आदेश जारी किए हैं।
डॉ.केके वास्कले, जेडी