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ग्राहक बनकर पहुंचीं सीएसपी, तब हुआ खुलासा
उज्जैन शहर में ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोग आने वाले (इंफोटरेसिन-बी) इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा हुआ है। शुक्रवार को कोतवाली थाना सीएसपी पल्लवी शुक्ला ग्राहक बनकर मुसद्दीपूरा स्थित मानव मेडिकल संचालक के पास पहुंची। ग्राहक बनकर पहुंची सीएसपी ने संचालक से ब्लैक फंगस में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की डिमांड की। संचालक ने उन्हें 5 ग्राम और 50 मिलीग्राम तक के इंजेक्शन बता दिए। सीएसपी ने मेडिकल संचालक से 50 एमजी के तीन इंजेक्शन मांगे और 36 हजार प्रति इंजेक्शन के हिसाब से एक लाख 5 हजार में सौदा तय कर लिया। सौदा तय होते ही सीएसपी ने आरोपी संचालक जुगल किशोर को गिरफ्तार कर लिया, जिसके खिलाफ कालाबाजारी अधिनियम सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
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मोबाइल से बनाया सौदेबाजी का वीडियो
ग्राहक बनकर ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा करने पहुंची सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने मोबाइल से सौदे बाजी का वीडियो भी बनाया है। जिसमें मेडिकल संचालक इंजेक्शन की खासियत और 5 एमजी इंजेक्शन के 15 सौ के बदले 5 हजार रुपए मांगता दिखाई दे रहा है। जबकि 50 एमजी का इंजेक्शन 36 हजार में देने की बात तय हो रही है।
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कोरोना ने छीनी पत्नी फिर भी नहीं छोड़ी कालाबाजारी, अब लगेगी रासुका
बताया जा रहा है कि मेडिकल संचालक जुगल किशोर की पत्नी की 15 दिन पहले ही कोरोना से मौत हुई है। लेकिन इसके बावजूद वो महामारी में अपनों को खोने का दर्द नहीं समझ पाया। लालच की फंगस का शिकार मेडिकल संचालक न जाने कितने दिनों से ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था। उसके पास से 10 इंजेक्शन और एक लाख रुपए जब्त किए गए हैं। शुरुआती पूछताछ में ये जानकारी मिली है कि आरोपी ने मथुरा से ये इंजेक्शन मंगवाए थे। एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल का कहना है कि आरोपी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी की जाएगी।
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