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इसलिए हुई गलती
अपनी मौत की खबर अखबार में पढ़कर घबराए मरीज ने वीडियो जारी कर बताया कि, वो मरा नहीं है बल्कि जिंदा है और अपना उपचा करा रहा है। युवक का वीडियो सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया। थोड़ी ही देर में ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो गया। वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में लापरवाही की जांच की। छानबीन में सामने आया कि, नाम में गलतफहमी के चलते जिंदा को मृत और किसी मृत को जिंदा बताया गया है।
वीडियो में मरीज ने कही ये बात
वायरल वीडियो में मरीज का कहना है कि, जब उसने अखबार में अपनी मौत की खबर सुनी तो उसके होश उड़ गए। उसके मन में कई तरह के ख्याल आने लगे, जैसे- जब वो जिंदा है तो स्वास्थ विभाग ने उसे मृत क्यों बताया? अखबारों में उसकी मौत की पुष्टि कैसे छप गई। इस घबराहट का निदान उसने घटना के बारे में लोगों को बताने में ही समझा और एक वीडियो बनाकर शेयर कर दी।मरीज ने बताया कि, वो बीते दो दिन पहले कोरोना की जांच करवाने अपनी मां और भांजे के साथ माधव नगर के एक अस्पताल गया था। वहां से उसे आरडी गार्डी अस्पताल भेज दिया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। मरीज ने बताया कि, ये भी उसे अखबार से ही पता लगा कि, उसे कोरोना है, जबकि अब तक उसके पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई, जिसमें वो कोरोना संक्रमण का शिकार माना गया हो।
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CMHO ने दी सफाई, कलेक्टर ने दिये जांच के आदेश
मामले को लेकर उज्जैन के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर (CMHO) डॉ अनसुइया गवाली ने बताया कि, नाम की गलतफहमी के चलते ये घटना हुई है। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को एक 60 साल के व्यक्ति की मौत हुई थी। उसका और इस मरीज का नाम एक ही है, नाम के असमंजस के कारण मौत उसकी हुई तो इनकी रिपोर्ट में मौत लिख दी गई।वहीं, इस लापरवाही के लिए कलेक्टर ने अस्पताल को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि, जवाब दें कि, आखिर ये लापरवाही कैसे हुई। बता दें कि, इससे पहले भी शहर में मरीजों की मौत के बाद उनके परिजन द्वारा लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। रविवार को ही एक स्वास्थ्यकर्मी की मौत के बाद उनके परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही के रोप लगाए थे।