मंदाकिनी पुरी जब तब महाकाल मंदिर जाती थीं और मंदिर प्रशासन को हड़काते रहती थीं। एक बार तो जब उन्हें पूजा करने में कुछ विलंब हो गया तो वे ऐसी भड़कीं कि प्रशासन को श्राप दे डाला। इतना ही नहीं, उन्होंने महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए थे।
यह भी पढ़ें—आरक्षण पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ईडब्ल्यूएस के लिए अनारक्षित में से 10 प्रतिशत कोटा धोखाधड़ी सामने आने के बाद कार्रवाई से घबराईं मंदाकिनी पुरी ने जहर पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था हालांकि उन्हें बचा लिया गया है। वे अभी अस्पताल में ही भर्ती हैं और उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस अभी तक उनके बयान नहीं ले सकी है।
महिला संत मंदाकिनी पुरी श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर थीं। वे महामंडलेश्वर बनने वाली पहली महिला थीं। निरंजनी अखाड़े से जुड़ने और महामंडलेश्वर बनने के बाद महिला संत के रूप में वे बेहद प्रसिद्ध हो गई थीं।
मंदाकिनी पुरी पर एक संत ने महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर 7.50 लाख रुपए ऐंठने का आरोप लगाया है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के नाम पर भी कुछ लोगों से ठगी की है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्होंने राज्यपाल बनवा देने का भी लालच देकर लाखों रुपए लेने की कोशिश की।
प्रशासक को दे चुकीं श्राप
मंदाकिनी पुरी शुरु से बेहद विवादित रहीं हैं। अब उनके कई कारनामे बाहर आ रहे हैं। पिछले साल मई माह में ही उन्होंने महाकाल मंदिर में हंगामा मचा दिया था। मंदाकिनी देवी तीन साध्वियों के साथ मंदिर पहुंची जहां उनका नंबर आने में कुछ विलंब हो गया।
इस पर वे गुस्सा हो उठीं। मंदाकिनी पुरी ने उन्हें अपमानित करने के आरोप लगाते हुए तत्कालीन मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को ‘श्राप’ दे डाला। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल इनकी अति का अंत करेंगे। महाकाल मंदिर प्रशासक को ‘श्राप’ देते हुए उन्होंने कहा कि वे कहीं के नहीं रहेंगे। मैं बाबा महाकाल की कसम खाती हूं कि जब तक ये नहीं हटेंगे, मंदिर नहीं जाऊंगी।