65 लाख रुपए किए जाएंगे खर्च
निर्माण कार्य की शुरुआत के लिए मंदिर से निकले पत्थरों को एकत्रित कर उनकी सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। पुरातत्व विभाग भोपाल के अधिकारी डॉ. रमेश यादव का कहना है कि निर्माण के लिए खर्च इस समय उपलब्ध पत्थरों की उपयोगिता पर निर्भर करेगा। लेकिन निर्माण के लिए अनुमानित खर्च का आंकलन करते हुए पुरातत्व विभाग ने बताया कि इस प्राचीन मंदिर के निर्माण में लगभग 65 लाख रुपए का खर्च आ सकता है।
शृंगार और स्थापत्य कला होगी विशेष
मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया में इसकी प्राचीन शैली का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसलिए यह मंदिर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनेगा। राजस्थान के कुशल कारीगर इसे तैयार करेंगे। कारीगरों की शृंगारकला और स्थापत्य कला का मिलन इस मंदिर को एक नई ऊंचाई छूने का अवसर देगा। हर दिन बनेगी प्रगति रिपोर्ट जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्य के दौरान हर दिन एक विशेष रिपोर्ट तैयार की जाएगी। ये रिपोर्ट मंदिर निर्माण की प्रगति पर आधारित होगी।, जिसे मंदिर के विशेषज्ञ तैयार करेंगे।
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