श्री टेंपल नाम से चल रही साइट
महाकाल की प्रसाद को ऑनलाइन बेचने के मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने और अज्ञात वेब मास्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होने के बाद भी श्री टेंपल नाम से वेबसाइट चल रही है। सोमवार रात तक भी इस वेबसाइट पर पिनकोड डालने के बाद महाकालेश्वर प्रसाद 1 किलो 351 रुपए और 500 ग्राम 181 रुपए किलो के साथ डिलेवरी अवलेबल बताई जा रही थी, जबकि रविवार रात को ही मंदिर प्रबंधन और शिकायतकर्ता के आधार पर महाकाल थाना पुलिस ने श्री टेंपल के वेब मास्टर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। वहीं जांच में यह भी सामने आया कि वेब पर करीब एक दर्जन होलसेल आइटम डिलेवरी करने वाली बड़ी कंपनियां हैं, जो महाकाल की प्रसाद ऑनलाइन होम डिलेवरी उपलब्ध करवा रही है। इनमें इंडिया मार्ट जैसी कंपनी भी शामिल है। जिन पर 4000 रुपए किलो तक प्रसाद बेची जा रही है। ये कंपनिया महाकालेश्वर मंदिर के अलावा भी देश के कई प्रसिद्ध मंदिर की प्रसादी ऑनलाइन बेचने का दावा कर रही है।
वेब मास्टर पुलिस की पकड़ से बाहर
टीआई मुनेन्द्र गौतम ने बताया कि अब तक वेब पोर्टल संचालित करने वाले के बारे में जानकारी नहीं लग पाई। इस मामले में साइबर पुलिस आरोपी को तलाश कर रही हैं। वहीं उन्होंने कहा कि जिस वेब पोर्टल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है, उसे बंद करने के बारे में साइबर को लिखा है वे जल्द ही इसे बंद कर देंगे। हालांकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि और भी कई कंपनियां महाकाल की प्रसाद ऑनलाइन बेच रही हैं। इस बारे में जांच की जा रही है अगर कोई कंपनी महाकाल प्रसाद ऑनलाइन बेचने का दावा कर रही हैं तो उनके खिलाफ भी धोखाधड़ी की धारा में प्रकरण दर्ज करेंगे। बता दें फर्जी वेब साइट बनाकर महाकाल की प्रसाद ऑनलाइन बेची जा रही थी। रविवार मामले में शिकायत होने के बाद महाकाल थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
भस्म आरती और टिकट बुकिंग में भी हो चुकी धोखाधड़ी
उज्जैन महाकाल मंदिर में ऑनलाइन धोखाधड़ी का यह कोई नया या पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार दर्शन टिकट और भस्म आरती के नाम पर फ्रॉड हो चुका है। मंदिर समिति ने जांच का पिपड़ी बजाई और दोषियों पर सख्ती नहीं की, यही वजह होने से अब पुन: एक बार फिर यह मामला सामने आया है।
गाय के दूध, घी, गोबर से शुरू किया कारोबार, कमाई पहुंची 90 हजार रुपए महिना
केस 1. 20 जुलाई 2019 को एक मामला प्रकाश में आया था, जिसमें किसी ने फर्जी वेबसाइट बनाकर भगवान महाकाल की भस्म आरती की बुकिंग शुरू कर दी थी। बैंक खाते से राशि तक कट जाती थी, लेकिन एक बार श्रद्धालु को राशि कटने के बाद अनुमति नहीं मिली थी. जिसके बाद मामला सामने आया था। यह मामला दुर्ग छत्तीसगढ़ निवासी श्रद्धालु राजेश के साथ हुआ था। उसने भस्म आरती ऑनलाइन बुकिंग से अनुमति नहीं मिलने पर प्रबंध समिति के तत्कालीन उप प्रशासक आशुतोष गोस्वामी को शिकायत की थी।
केस 2. फरवरी 2020 को हॉलैंड के छह श्रद्धालुओं के साथ भस्म आरती के नाम पर धोखाधड़ी हुई थी। दरअसल उस समय पुजारी-पुरोहितों की लिस्ट वेबसाइट पर अपडेट नहीं होने से इसका फायदा दलालों ने उठाया था। पुरानी लिस्ट में किसी पुरोहित के नाम से भस्म आरती की अनुमति जारी की जा रही थी। हॉलैंड के छह श्रद्धालुओं से 13 हजार रुपए लेकर मस्म आरती की अनुमति दिलाई थी।
यूट्यूब से सीखी धोखा देने की तकनीक, फेविक्विक लगाकर एटीएम से निकालते थे नोट
पिछले वर्ष लड्डू प्रसाद के नाम पर ठगी हुई थी, जिसकी ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। ऑनलाइन के जरिए मंदिर का लड्डू प्रसाद घर तक भेजने की बात की जा रही । जब श्रद्धालु ने उनसे क्रॉस प्रश्न पूछे तो ऑनलाइन प्रसाद बेचने वालों की बोलती बंद हो गई। वे फोनपर अपनी प्राइवेट संस्था को भारत माता मंदिर से जोड़कर बता रहे थे और जब सामने वाले ने सवाल किए कि आप महाकाल में किसे जानते हैं, तो प्रसाद भेजने वाली कंपनी लोगों ने उत्तर में प्रदीप पांडे, गोविंद शर्मा और महेश गुरु को जानने की बात कही थी।