उज्जैन

कोरोना काल ने जिन बच्चों को किया बेसहारा, उनका सहारा बनेंगे महाकाल

कोरोना काल में बेसहारा हुए सैकड़ों बच्चों की मदद के लिए महाकाल मंदिर परिसर में एक अनूठी पहल की शुरुआत की गई है। महाकाल के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालु कर सकते हैं इन बच्चों की मदद।

उज्जैनMar 16, 2022 / 09:36 pm

Faiz

कोरोना काल ने जिन बच्चों को किया बेसहारा, उनका सहारा बनेंगे महाकाल

उज्जैन. कोरोना काल में बेसहारा हुए सैकड़ों बच्चों की मदद के लिए महाकाल मंदिर परिसर में एक अनूठी पहल की शुरुआत की गई है। बता दें कि, प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान जिले के 216 अनाथ हुए हैं। ये वो बच्चे हैं जिनके माता या पिता या दोनो ही की कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होकर जान गई है। ऐसे में महाकाल मंदिर के आंगन में जिले के उन बेसहारा बच्चों की मदद के लिए काउंटर लगाया गया है। इस कांउंटर के माध्यम से मंदिर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि, इन बच्चों के दर्द और जरूरत को समझकर इनकी मदद को हाथ बढ़ाएं। बता दें कि, इस पहल में महिला एवं बाल विकास विभाग भी सहयोग कर रहा है।


ये बात तो हम सभी जानते हैं कि, देशभर में सिर्फ मध्य प्रदेश में ही कोरोना काल के दौरान हजारों की संख्या में बच्चे अनाथ हुए हैं। इनमें से सिर्फ उज्जैन के आंकड़ों की ही बात करें तो यहां 216 बच्चें अनाथ हुए हैं। इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि, जिले में 216 ऐसे बच्चे हैं, जिनके सर से कोरोना काल में उनके माता-पिता का साया उठ गया है। उनकी मदद के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से महाकालेश्वर मंदिर परिसर में एक काउंटर लगाया है। इस काउंटर पर बैंक के अकाउंट नंबर और अन्य डिटेल लिखी गई है। महाकल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु इन अनाथ बच्चों की मदद स्वरूप जो सभव हो सके कर सकते हैं।

 

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18 साल के होने तक बच्चों को मिलेगी मदद

बता दें कि, महाकाल मंदिर में देशभर से रोजाना हजारों भोले बाबा के दर्शन करने आते हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं से मदद की अपील भी की गई है कि, नेक कार्य में उनका सहयोग मिल सके। इसके अलावा पावन धाम से उन अनाथ बच्चों की मदद का बीड़ा उठाया गया है। भगवान के दरबार से होने वाली मदद बच्चों का भविष्य संवारा जा सके। इन बच्चों को तबतक मदद की मिलती रहेगी, जबतक वो 18 साल के न हो जाएं।

 

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