scriptमहाकाल शृंगार : श्रावण में बुकिंग फुल, अब भक्तों को अगले साल तक करना होगा इंतजार | Mahakal shringar: Booking full in Shravan month | Patrika News
उज्जैन

महाकाल शृंगार : श्रावण में बुकिंग फुल, अब भक्तों को अगले साल तक करना होगा इंतजार

भक्त निर्धारित राशि जमा कर अपनी तरफ से भगवान का शृंगार Mahakal shringar) करवाते हैं। इसके लिए श्रद्धालुओं में होड़ रहती है, लेकिन इस बार श्रावण मास में बाबा का शृंगार कराने की श्रद्धा रखने वाले भक्तों को अगले वर्ष तक इंतजार करना होगा।

उज्जैनJun 28, 2019 / 09:59 pm

Lalit Saxena

patrika

Mahakal Temple,ujjain mahakal,ujjain mahakal temple,mahakal shringar,Ujjain Mahakal Mandir,

उज्जैन. राजाधिराज महाकाल का प्रतिदिन संध्या आरती में भांग व सूखे मेवे से शृंगार किया जाता है। भक्त निर्धारित राशि जमा कर अपनी तरफ से भगवान का शृंगार करवाते हैं। इसके लिए श्रद्धालुओं में होड़ रहती है, लेकिन इस बार श्रावण मास में बाबा का शृंगार कराने की श्रद्धा रखने वाले भक्तों को अगले वर्ष तक इंतजार करना होगा। दरअसल इस बार श्रावण मास में शृंगार कराने की बुकिंग फुल हो चुकी है।

शृंगार के लिए प्रतिदिन की बुकिंग

आम दिनों में भी भगवान के शृंगार के लिए प्रतिदिन की बुकिंग होती है। श्रावण में बाबा को शृंगारित करवाने के लिए भक्त महीनों पहले ही 500 रुपए की शासकीय रसीद कटाकर बुकिंग करा लेते हैं। इस वर्ष श्रावण में शृंगार के लिए जून के अंतिम सप्ताह में ही बुकिंग फुल हो गई है। महाराष्ट्र और गुजरात में अमावस्या से अमावस्या तक श्रावण होता है। हिन्दू पंचांग तिथि के अनुसार इस दौरान भादौ मास प्रारंभ हो जाता है। एेसे में भादौ मास के प्रथम पखवाड़े की अधिकांश तारीखें भी बुक हो चुकी हैं।

ऐसे होता है शृंगार
– 500 रुपए की शासकीय रसीद कटानी होती है।

– भक्तों की ओर से पुजारी शृंगार करते हैं।

– शृंगार में भांग, सूखे मेवे, वस्त्र, पूजन सामग्री आदि सामग्री शामिल रहती है। इसके लिए शेष राशि अलग से देना होती है। इसमें 5 से 6 हजार रुपए का खर्च आता है।

-शृंगार में तीन किलो भांग का उपयोग होता है।

– शृंगार कराने वाले श्रद्धालुओं को संध्या पूजन व आरती के समय नंदी हॉल में मौजूद रहने की अनुमति होती है।

– भगवान को नवीन वस्त्र तथा रजत आभूषण धारण कराए जाते हैं।

इन रूपों में होता है शृंगार
महाकाल मंदिर के पुजारी पं. प्रदीप गुरु के अनुसार तड़के भस्मी रमाने वाले भूतभावन महाकाल का हर शाम को संध्या शृंगार होता है। निराकार भगवान को विविध स्वरूपों में आकार देकर भक्तों के लिए दिव्य दर्शन को साकार किया जाता है। विशेष तिथि, वार तथा त्योहार के अनुसार भगवान का रूप निखारा जाता है। मंदिर के पुजारी भगवान महाकाल का अनेक भक्त गणेश, श्रीकृष्ण, तिरुपति बालाजी, राजाधिराज आदि कई रूपों में शृंगार करते हैं।

Hindi News / Ujjain / महाकाल शृंगार : श्रावण में बुकिंग फुल, अब भक्तों को अगले साल तक करना होगा इंतजार

ट्रेंडिंग वीडियो