बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस बैंड के महत्व पर जोर दिया और हर जिले में पुलिस बैंड स्थापित करने और इच्छुक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर बैंड में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर क्षेत्र की पुलिस इकाइयों में पुलिसकर्मियों को बैंड वादन समेत संगीत वाद्ययंत्रों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गौरवशाली इतिहास का एक अहम पहलू पुलिस बैंड
मध्य प्रदेश पुलिस बैंड, पुलिस के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। एमपी पुलिस बैंड की स्थापना साल 1988 में 7वीं वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल, भोपाल में हुई थी। इसके बाद पहली शाखा इंदौर, दूसरी शाखा विशेष सशस्त्र बल (विसबल) ग्वालियर, छठी शाखा विसबल जबलपुर और जेएनपीए सागर में पुलिस बैंड की शाखाएं खोली गईं। यह भी पढ़ें- Cholera Spreads in MP : एमपी के इस गांव में फैला हैजा, 1 बच्चे की मौत, दो दर्जन लोगों की हालत गंभीर
विधिवत होती रहेगी पुलिस बैंड में भर्ती- सीएम मोहन
जबकि मौजूदा समय में मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन की विजिबल इकाइयों में ब्रास बैंड और रीवा इकाई में पाइप बैंड स्थापित है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद अब प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की स्थापना की गई है। साथ ही मुख्यमंत्री यादव ने ये घोशणा भी की है कि सभी जिलों में स्थापित पुलिस बैंड में विधिवत भर्ती की होती रहेगी। यह भी पढ़ें- साइबर ठगी का गढ़ बनता जा रहा ये राज्य, 7 महीने में 250 करोड़ से ज्यादा की हुई ठगी