महाकाल मंदिर में इमरजेंसी एंट्री और एग्जिट का कार्य शुरू नहीं होने पर कलेक्टर आशीष सिंह ने नाराजगी जताई। उन्हें बताया गया कि टेंडर तो हो चुका है लेकिन ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया। इस पर कलेक्टर ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर सात दिनों में नया टेंडर जारी करने के निर्देश दिए। मृदा फेज-2 में मन्नत गार्डन वाली भूमि पर मियावाकी पद्धति से पौधारोपण, बाउंड्रीवाल बनाने तथा नदी की ओर से प्रोटेक्शन वाल के टेंडर अगले सात दिनों में किए जाएंगे। महाराजवाड़ा भवन के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार तथा लैंड स्केपिंग के कार्य के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। त्रिवेणी से चारधाम मार्ग में बारिश के पानी की निकासी सीवरेज लाइन, वाटर सप्लाई लाइन पाथवे व केबल, पेंचवर्क का कार्य पूर्ण हो चुका है। 31 अगस्त तक रोड बनकर तैयार हो जाएगी। चारधाम-हरसिद्धि मार्ग 31 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
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आइए जानते हैं महाकाल कॉरिडोर में क्या है खास बातें…।
एक परिसर में दिखेंगे शिव के 190 स्वरूप
काशी विश्वनाथ मंदिर (kashi vishwanath corridor) से चार गुना बड़ा बन रहा महाकाल कॉरिडोर अपने आप में बेहद खास है। प्रोजेक्ट इंजीनियर विकास पटेल बताते हैं कि परिसर इतना विशाल है कि पूरा मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा। इस विशाल क्षेत्र में भगवान शिव के 190 अलग-अलग रूप के दर्शन महाकाल कॉरिडोर (mahakal corridor ) में होंगे। इसके अतिरिक्त शिव तांडव स्त्रोत से लेकर शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को भी बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है। इसमें महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सुविधाओं का विकास हो रहा है।
एक घंटे में एक लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन
इस मंदिर को चारों तरफ से खुला बनाया जा रहा है। इसके आसपास के भवन को हटाया जा रहा है। क्योंकि श्रद्धालु लोग दूर से मंदिर के दर्शन कर सकें। इसी के साथ रूद्रसागर के किनारे 2 नए द्वार नंदी द्वार व पिनाकी द्वार के मध्य में विकसित किया जा रहा है। इससे एक साथ 20 हजार यात्री का आवागमन एक साथ हो सकेगा। 400 से ज्यादा वाहनों का पार्किंग क्षेत्र और धर्मशाला से यात्री सीधे नंदी द्वार में प्रवेश करेंगे। ज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार प्रोजेक्ट पूरा होने पर हर घंटे एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। एक लाख लोगों की भीड़ होने पर भी श्रद्धालुओं को 30 से 45 मिनट में दर्शन हो जाएंगे।
लाइट एंड साउंड शो भी होगा
महाकाल कॉरिडोर का काम लगभग समाप्ति पर है। कई स्थानों पर फिनिशिंग का काम चल रहा है। जून 2022 तक महाकाल कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही महाकाल पथ का बड़ा द्वार बन रहा है और बीच में फाउन्टेन, लाइट एंड साउंड सिस्टम भी होगा। इसके सामने पवेलियन जैसी व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की जाएगी। जहां रात के समय श्रद्धालु लाइट एंड साउंड शो के जरिए महाकाल के बारे में और अधिक जानकारी पा सकेंगे।