महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) का सबसे पहले जलाभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक और पूजन किया गया। वहीं बाबा महाकाल की सबसे पहली आरती भस्म आरती (Bhasm Aarti) की गई।
महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। इसके बाद फिर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया।
श्रीकृष्ण स्वरूप में नजर आए महाकाल
जन्माष्टमी के अवसर पर भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल का श्रीकृष्ण स्वरूप में श्रृंगार किया गया। महाकाल के मस्तक पर मोर पंख, भांग, चंदन, पुष्प अर्पित कर कृष्ण स्वरूप में अद्भुत श्रृंगार किया गया। भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की।
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आज 26 अगस्त 2024 सोमवार को जनमाष्टमी के अवसर पर महाकाल मंदिर
उज्जैन में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सैंकड़ों भक्तों ने भस्म आरती (Bhasm Aarti) दर्शन का लाभ लिया।
वहीं नंदी महाराज के दर्शन कर उनके कान में अपनी मनोकामनाएं कहते हुए उनके पूरे होने का आशीर्वाद मांगा। आरती के बाद कृष्णमय हुए महाकाल मंदिर में जय महाकाल, जय-जय महाकाल के स्वर गूंजने लगे।