उज्जैन जिले का नागदा प्रदेश का औद्योगिक शहर है। यहां बड़ी संख्या में उत्तरप्रदेश और बिहार के लोग रहते हैं जिनके लिए छठ पूजा का पर्व सबसे ज्यादा अहमियत रखता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए विधायक डॉ. तेजबहादुरसिंह चौहान ने कलेक्टर नीरज सिंह से छठ पर नागदा में स्थानीय अवकाश Chhath Public Holiday देने का आग्रह किया था। कलेक्टर ने इसे अपनी सहमति दे दी।
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने छठ के मौके पर 7 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश के अनुसार कलेक्टर नीरज सिंह ने 7 नवंबर को नागदा तहसील के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया है।
रतलाम और उज्जैन से सटे नागदा में यूपी-बिहारवासियों की जनसंख्या को देखते हुए स्थानीय विधायक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर छठ पर अवकाश देने का आग्रह किया था। पत्र पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर नीरज सिंह ने 7 नवंबर की छुट्टी घोषित कर दी।
इस बीच मंगलवार को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो गई। चार दिवसीय पर्व का समापन 8 नवंबर को सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर किया जाएगा। पहले दिन व्रती महिलाएं सुबह स्नान कर केवल एक समय भोजन करती हैं। 6 नवंबर को छठ पर्व के दूसरे दिन खरना से 36 घंटे के कठिन व्रत की शुरुआत होती है। महिलाएं निर्जल निराहार व्रत रखती हैं और छठी मैया के लिए पकवान बनाती हैं। 7 नवंबर को छठ मैया के पूजन का दिन है। 8 नवंबर को परना पर व्रती महिलाएं उदय होते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
यह भी पढ़ें : chhath puja holiday – एमपी में भी तेज हुई छठ की छुट्टी की मांग, उत्तरप्रदेश बिहार महासंघ को मंत्री ने आश्वस्त किया नागदा में तीन घाटों पर छठ पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। चंबल तट पर हनुमान डेम, नायन डेम और मेहतवास में पूजा-अर्चना और सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी की गई है। शाम को तीनों घाटों पर मेले जैसा माहौल होता है।
बता दें कि प्रदेश के अन्य कुछ जिलों में भी छठ पर अवकाश की मांग की गई है। जबलपुर में उत्तरप्रदेश बिहार महासंघ ने इस संबंध में प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री राकेश सिंह को मांगपत्र सौंपा हैं जिसपर उन्होंने सीएम से चर्चा का आश्वासन दिया। जबलपुर में यूपी-बिहारवासियों की संख्या सर्वाधिक बताई जाती है।