डर के साए में जी रहे किसान, दो माह पहले भी दिखाई दिया था तेंदुआ
दुबली गांव के रविसिंह ने बताया मंगलवार दोपहर १ बजे साथी के साथ खेत पर पशुओं के लिए चारा लेने गया था। तभी अचानक तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया वह कुछ समझ पाता इसके पहले ही तेंदुआ भाग निकला। मैंने उसे ठीक से देखा नहीं पर उसकी दहाड़ सुनी थी उसके पंजे मेरे सीने और पीठ पर लगे हैं। आशंका है कि वह किसी पेड़ पर बैठा होगा और तभी मुझ पर कूद कर भाग निकला। मेरे साथी ने भी तेंदुए को देखा था वह तुरंत जंगल की घनी झाडिय़ों में घुस गया। इस सूचना के बाद ग्रामीणों ने युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। जंगल में तेंदुए की तलाश शुरू की और वन विभाग को सूचना दी थी। जिसके बाद टीम ने पहुंचकर जंगल में उसके पगमार्क तलाशे और एक पिंजरा भी लगा है। रेस्क्यू टीम प्रभारी मोरे का कहना है, दो दिन में तराना क्षेत्र के जंगल में तलाशी अभियान चलाया, परंतु न तो तेंदुआ मिला और न ही उसके पगमार्क सामने आए। युवक से बात हुई परंतु उसका कहना है कि मैंने तेंदुआ नहीं देखा, कोई काला जानवर हमला कर गया था। हालांकि तेंदुए की जंगल में होने की सूचना के बाद किसानों ने शाम होते ही घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। अगर किसी जरूरी काम से बाहर जाना भी पड़ रहा है तो हाथ में मशाल लेकर बाहर निकल रहे हैं। दो माह पहले ताजपुर के जंगल में दिखा था आदमखोर 16 जनवरी को भी तराना तहसील के गांव ताजपुर में तेंदुए के घूमने की जानकारी सामने आई थी। तब इसका एक वीडियो भी सामने आया था। वन विभाग ने जंगल में पगमार्क तलाशे तो वे हायना के मिले थे। इसके अलावा विभाग के जिम्मेदारों का कहना था कि तेंदुआ एक दिन में १५० से २०० किलोमीटर दूर जा सकता है। अगर तेंदुआ होगा तो वह दूसरे जिलों में चला गया होगा। अब फिर से तराना के गांव दुबली में तेंदुए की दस्तक सामने आई है।
पगमार्क नहीं मिले, पिंजरा लगाया है क्षेत्र में दो दिन से टीम लगी है परंतु तेंदुए के पगमार्क नहीं मिले हैं। हालांकि एक पिंजरा लगाया है। युवक पर हमला करने वाला जानवर मांसाहारी हो सकता है परंतु वह तेंदुआ है इसकी पुष्टी नहीं हो पाई। हो सकता है वह हायना या अन्य मांसाहारी जानवर हो। ग्रामीण क्षेत्र में मुनादी भी करवाई की किसान रात के समय टार्च या आग जली मशाल साथ लेकर निकले।
किरण बिसेन, डीएफओ